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कृषि कानून किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’-केजरीवाल

किसान नेताओं के साथ बैठक में केजरीवाल ने केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट करार दिया है. दिल्ली से सटी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं के साथ 21 फरवरी रविवार को दिल्ली के सीएम ने बैठक की. इस मीटिंग में केजरीवाल ने कहा कि ये 3 कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है.

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पश्चिम यूपी के किसान नेताओं को विधानसभा में भोजन पर आमंत्रित किया था.

सरकार नहीं बता पा रही कानूनों का फायदा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार इन कृषि कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद कहती आई है लेकिन अभी तक सरकार किसान और जनता को एक भी फायदा बताने में नाकाम रही है. उन्होंने आगे कहा-

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‘’ये तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट हैं. अगर ये कानून लागू होते हैं तो भारत का कृषि व्यवसाय कुछ उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा, जिससे किसानों को बहुत नुकसान होगा.’’
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘’इन कृषि कानूनों के लागू होने से भारत के किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएंगे.’’

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केंद्र सरकार रद्द करे कृषि कानून

दिल्ली के सीएम ने मांग की है कि ‘’केंद्र सरकार तुरंत इन काले कृषि कानूनों को वापस ले और सभी 23 फसलों के MSP की कानूनी गारंटी दे, जिसका सुझाव स्वामीनाथन कमीशन ने दिया था.’’

दिल्ली के सीएम के साथ हुई इस बैठक में पश्चिम यूपी के करीब 40 किसान नेता शामिल हुए.

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बीजेपी ने किसानों के आत्म सम्मान को चोट पहुंचाई

मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय जाट महासंघ से जुड़े किसान नेता रोहित जाखड़ ने बताया कि, ‘’गाजीपुर में यूपी सरकार प्रदर्शन स्थल पर बिजली और पानी की सप्लाई को बाधित कर रही है, लेकिन केजरीवाल सरकार किसानों की सहायता कर रही है और उन्हें पानी व शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध करा रही है.’’

रोहित जाखड़ ने कहा कि, हमारा समर्थन उन्हीं लोगों को होगा जो हमारी मदद कर रहे हैं. बीजेपी सरकार ने हमारे आत्म सम्मान को चोट पहुंचाई है और इसका जवाब हम अपने वोट से देंगे.

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