दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास निर्माण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सीएम के सरकारी आवास पर 45 करोड़ रुपये खर्च का मामला सामने आने के बाद से दिल्ली में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार हमलावर है. दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdevaq) ने सीएम आवास विवाद पर कहा है कि बिना टेंडर के आवास पर 45 करोड़ का खर्च करना बड़ा भ्रष्टाचार है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा है कि ये घर 80 साल पुराना है और ये सुरक्षित नहीं रह गया था, इसलिए इसको दोबारा से बनवाने की जरूरत थी.
45 करोड़ खर्च करने का मामला क्या है?
हाल ही में एक न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत के हवाले से रिपोर्ट सामने आई कि दिल्ली के सीएम ने अपने घर के नवीनीकरण पर लगभग 45 करोड़ का खर्च किया है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि "ये घर मुख्यमंत्री का अपना घर नहीं है, बल्कि सरकारी आवास है और ये खर्च सरकारी संपत्ति पर ही किया गया है. इस पर बीजेपी का आरोप है कि टैक्स भरने वालों के पैसे से अरविंद केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये अपने आवास पर खर्च किए."
"शाही राज"-AAP को लेकर बीजेपी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने दिल्ली के सीएम की ओर से अपने आवास पर कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने को लेकर उन्हें 'शाही राजा' बताया है.
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि "उन्होंने न केवल अपने आलीशान बंगले के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, बल्कि इसमें एक बड़ा घोटाला भी किया है. पीडब्ल्यूडी मैनुअल में कानूनी खामियों का दुरुपयोग कर अरविंद केजरीवाल के बंगले के सौंदर्यीकरण का मामला स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला है."
"जब दिल्ली कोविड के चपेट में थी तो दिल्ली के मुख्यमंत्री करोड़ों का खर्च करके अपने घर को सजा रहे थे. साल 2013 में कहते थे- सरकारी घर, सुरक्षा और सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे, लेकिन यहां तो उन्होंने घर को सजाने के लिए 45 करोड़ का खर्चा कर दिया."रामवीर बिधूड़ी, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता
AAP ने किया खंडन
केजरीवाल के आवास के मुद्दे पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा है कि...
"ये घर जर्जर हालत में था. इसे साल 1942 में बनाया गया था. यहां तीन हादसे हुए, सीएम के माता-पिता के कमरे की छत गिर गई, सीएम के बेडरूम की छत गिरी और उनके दफ्तर की छत भी गिर गई. सार्वजनिक कार्य विभाग ने ये सुझाव दिया कि घर को दोबारा से बनाया जाए."
इस पर आप नेता संजय सिंह ने कहा कि लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए विवाद खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा, "खुद को फकीर कहने वाले प्रधानमंत्री 500 करोड़ रुपये से अपने लिए घर बनवा रहे हैं, जिस घर में वह अभी रह रहे हैं, उसके जीर्णोद्धार पर 90 करोड़ रुपये खर्च किए गए."
वहीं, AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ट्वीट किया कि...
"मित्र डोनाल्ड ट्रंप के तीन घंटे के दौरे पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए गए. गुजरात और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने लिए 200 करोड़ रुपये का विमान लेते हैं. किसी भी चैनल में इस पर बहस करने की हिम्मत नहीं है."
उन्होंने कहा कि "अरविंद केजरीवाल को 1942 में बना 1 एकड़ से छोटा बंगला आवंटित किया गया था, जिसकी छत तीन बार गिरी थी. एक बार उनके माता-पिता के कमरे की छत गिर गई थी और एक बार जहां उन्होंने जनता दरबार आयोजित किया था. उपराज्यपाल के बंगले की पेंटिंग/मरम्मत, दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए एक घर बनाने की लागत से अधिक है."
पीडब्लयूडी के ऑडिट के बाद मिली रिनोवेशन की मंजूरी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी से आकलन के लिए अनुरोध किया गया, जिसने ऑडिट कराने का आदेश दिया. ऑडिट रिपोर्ट में घर को फिर से बनाने की सलाह दी गई. खर्च का एक बजट बना और उसे वित्त विभाग ने मंजूरी दी.
अधिकारियों का कहना है कि सीएम के घर पर 30 करोड़ रुपये खर्च किया गया और बाकी के पैसे सीएम आवास के कम्पाउंड में स्थित उनके कैंप ऑफिस में लगाए गए.
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा एक्सेस किए गए पीडब्ल्यूडी दस्तावेजों के अनुसार, घर में काम के लिए पहली मंजूरी 1 सितंबर, 2020 को दी गई थी. इसमें बिजली के काम और एक स्वचालित फायर अलार्म सिस्टम के साथ-साथ आरसीसी-फ्रेम वाली संरचना पर काम शामिल था. दूसरी मंजूरी मई 2021 में "एक मॉड्यूलर किचन, लॉन्ड्री और पेंट्री आदि प्रदान करने और ठीक करने" के लिए दी गई थी
इसके बाद अक्टूबर 2021 में "आवास के कैंपस में सिविल काम" के लिए मंजूरी दी गई. दिसंबर 2021 और जून 2022 में फिर बजट दिया गया.
पीडब्लूडी के द्वारा रिनोवेशन से जुड़ी जानकारी के अनुसार, सिविल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्य के अलावा, अलग-अलग स्मार्ट लाइट के लिए वोल्टेज फिक्सर, एनर्जी सफिशिएंट 80 पंखे, एक डंबवेटर लिफ्ट (खाना पहुंचाने वाली लिफ्ट), 23 परदे शामिल हैं.
"अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है बीजेपी"
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि इस खर्च को बाकी सरकारी प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्चे के साथ तुलना करके देखना चाहिए. पार्टी ने कहा कि...
" पीएम के नए घर का अनुमान अकेले 467 करोड़ रुपये है, जबकि सेंट्रल विस्टा परियोजना की वास्तविक लागत 20,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इसके अलावा, पीएम के 7 आरसीआर आवास की मरम्मत की लागत अनुमान से तीन गुना अधिक थी. 27 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के मुकाबले सिर्फ 89 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण किया गया था."
AAP ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में सिर्फ दिल्ली एलजी हाउस की मरम्मत पर ही 15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. वे जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का जवाब नहीं देना चाहते हैं, जिन्होंने पुलवामा हमले को मोदी सरकार की चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी इस मुद्दे को इसलिए उठा रही है, क्योंकि वह असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है
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