दिल्ली के एक कोर्ट ने 26 अगस्त को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी. ये याचिका सीपीएम नेता बृंदा करात ने दायर की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि ठाकुर और वर्मा ने शाहीन बाग में हुए एंटी-CAA प्रदर्शनों को लेकर नफरती भाषण दिए हैं.
NDTV के मुताबिक, एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पहुजा ने कहा कि कानून के तहत पहले केंद्र को FIR दर्ज करने की इजाजत देनी होगी.
शिकायतकर्ताओं ने पहले से केंद्र सरकार से शिकायत में लगाए गए आरोपों के लिए प्रतिवादियों पर मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं ली है. इसलिए... शिकायत को खारिज कर दिया जाता है.कोर्ट
NDTV की रिपोर्ट बताती है कि सीपीएम नेता बृंदा करात और केएम तिवारी ने शिकायत दर्ज कराई थी. करात ने शिकायत में कहा था:
“ठाकुर और वर्मा ने लोगों को उकसाने की कोशिश की जिसकी वजह से दिल्ली में दो अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों पर तीन आगजनी की घटनाएं हुईं.”
करात ने कहा कि वो कोर्ट तब गईं, जब उन्हें पुलिस कमिश्नर को 29 जनवरी को और संसद रोड पुलिस स्टेशन के प्रमुख को 2 फरवरी को भेजी गई शिकायतों का जवाब नहीं मिला था.
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि दिल्ली के रिठाला में एक रैली के दौरान ठाकुर ने 'देश के गद्दारों को, गोली मारो **** को' के नारे लगाए थे. आरोप है कि ये नारे CAA का विरोध कर रहे लोगों के संबंध में थे.
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