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बॉम्बे के बाद दिल्ली HC ने लगाई पतंजलि साबुन के विज्ञापन पर रोक

कंपनियों का दावा है कि पतंजलि के विज्ञापनों में उनके साबुन ब्रांड्स को निशाना बनाया जा रहा है

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योग गुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के साबुन विज्ञापन पर बॉम्बे हाईकार्ट के बाद अब दिल्ली हाईकार्ट ने भी अंतरिम रोक लगा दी है. यह फैसला डिटॉल साबुन बनाने वाली कंपनी रैकिट बेकिंजर की याचिका पर सुनाया गया है. याचिका में कहा गया था कि रामदेव की कंपनी का यह विज्ञापन रैकिट के डिटॉल ब्रैंड की छवि खराब करता है.

इसके अलावा हिंदुस्तान यूनीलीवर ने भी इस विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकार्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस कंपनी के अनुसार विज्ञापन में उसके साबुन ब्रैंड को निशाना बनाया जा रहा है. इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक विज्ञापन पर रोक लगाई जाए.

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पतंजलि पर दूसरे प्रोडक्ट्स पर निशाना साधने का आरोप

रैकिट बेंकिजर के मुताबिक, पतंजलि के विज्ञापन में ऐसे साबुन को दिखाया गया है, जो उसके प्रॉडक्ट जैसा दिखता है. विज्ञापन में इसे 'ढिटॉल' बताया गया है. फिलहाल, रैकिट की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है.

इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट हिंदुस्तान यूनिलीवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए पतंजलि एक इस ऐड पर अगली सुनवाई तक बैन लगा चुका है. ऐड में अप्रत्यक्ष तरीके से हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के साबुन ब्रैंड्स पर निशाना साधते हुए उपभोक्ताओं से 'केमिकल बेस्ड साबुनों' का प्रयोग न करने की अपील की गई थी और प्राकृतिक अपनाने की सलाह दी गई थी.

इस मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी.

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