दिल्ली के एक कोर्ट ने सीबीआई की उस जांच को सही ठहराया है, जिसमें केंद्रीय एजेंसी ने उन्नाव रेप सर्वाइवर के 2019 में हुए एक्सीडेंट में किसी तरह की साजिश या योजना से इनकार किया था. 2019 में रेप सर्वाइवर, उनका परिवार और उनके वकील एक कार में यात्रा कर रहे थे, जब एक तेजी से जा रहे ट्रक ने राय बरेली में उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी थी.
इस हादसे में दो परिजनों की मौत हो गई थी और रेप सर्वाइवर और वकील गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस मामले में निष्कासित बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया था.
सेंगर को नाबालिग सर्वाइवर का रेप करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हुई थी. रेप सर्वाइवर की परिवार ने 'साजिश' का आरोप लगाते हुए सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
दिल्ली कोर्ट ने क्या कहा?
आरोपों को खारिज करते हुए डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि 'शिकायतकर्ता की आपत्ति पढ़ने में रोमांचक कहानी लगती है लेकिन वो अनुमान और अटकलों पर आधारित है.'
जज ने कहा कि सीबीआई की जांच की निष्ठा, खरापन और सच्चाई पर शक करने का कोई आधार नहीं है और एजेंसी ने घटना का मुमकिन वर्जन सामने रखा है. जांच एजेंसी ने कहा था कि FIR में नामित लोगों के बीच आपराधिक साजिश रचे जाने का कोई सबूत नहीं है.
हालांकि, सेशंस जज ने ट्रक ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही की वजह से मौत और मानव जिंदगी को खतरे में डालने के लिए आरोप तय किए. साथ ही सेंगर और उनके सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक धमकी के आरोप तय किए गए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)