कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में दिख रहा है. इसी बीच दिल्ली सरकार ने राजधानी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक राम मनोहर लोहिया अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्र सरकार के तहत आने वाले इस हॉस्पिटल पर आरोप ये हैं कि यहां कोरोना टेस्टिंग में गड़बड़ी की जा रही है, जिन लोगों को कोरोना नहीं हैं उनके टेस्ट भी पॉजिटिव बताए जा रहे हैं. वहीं हॉस्पिटल का कहना है कि सरकार के आरोप झूठे हैं और हॉस्पिटल तय समय के मुताबिक रिपोर्ट दे रहा है.
कोरोना काल के बीच केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार में तो लंबे समय से तनातनी दिख रही थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने भी मोर्चा खोल दिया है और आरोप गंभीर हैं.
RML जाने से बचें- राघव चड्ढा
दरअसल इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब आम आदमी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने ये बयान दे डाला कि लोग राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में जाने से बचें. उन्होंने कहा कि आरएमएल हॉस्पिटल में कोरोना की जांच को लेकर भारी गड़बड़ी पाई गई है. यहां पॉजिटिव आए 30 सैंपल की दोबारा जांच करने पर 12 सैंपल नेगेटिव निकले और दो सैंपल की जांच बेनतीजा रही. राघव चड्ढा ने कहा,
“आरएमएल हॉस्पिटल की जांच में 45 प्रतिशत तक गड़बड़ी हो रही है. कोरोना के नतीजों में इतना बड़ा अंतर किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता. ये हॉस्पिटल की लापरवाही को दिखाता है. आमतौर पर कोरोना जांच के नतीजे 48 घंटे में जमा होने चाहिए, लेकिन आरएमएल में ये नतीजे 72 घंटे से लेकर 10 दिन से ज्यादा वक्त में जमा हो रहे हैं. जांच रिपोर्ट जमा करने के सरकारी नियम का उल्लंघन करने के मामले में हॉस्पिटल पर कार्रवाई होनी चाहिए.”राघव चड्ढा, AAP प्रवक्ता
स्वास्थ्य मंत्री ने भी लगाए आरोप
राघव चड्ढा के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी केंद्र सरकार के इस हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ये हॉस्पिटल कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को वक्त पर जमा नहीं करवा रहा है. उन्होंने कहा, "करीब 70 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनकी हॉस्पिटल आने के 24 घंटे के भीतर मौत हो रही है. लेकिन उनकी टेस्ट रिपोर्ट आने में 5 से 7 दिन तक लग रहे हैं, जो काफी गलत है. रिपोर्ट 24 घंटे में आनी चाहिए.”
“हाल ही में आरएमएल के एक दिन में 94 फीसदी टेस्ट पॉजिटिव आ रहे थे, लेकिन दोबारा टेस्ट करने पर हमने पाया कि इनमें से 45 फीसदी टेस्ट नेगेटिव हैं. मैंने इस मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की है.”सत्येंद्र जैन, स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली
हॉस्पिटल ने किया आरोपों से इनकार
दिल्ली सरकार के इन आरोपों को लेकर हमने राम मनोहर लोहिया की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज से बात की. उन्होंने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने जिन रिपोर्ट्स का हवाला दिया है वो सैंपल कलेक्ट होने के कई दिन बाद नेगेटिव आई हैं. उन्होंने कहा,
“हमने जिस दिन सैंपल कलेक्शन किया है और जिस दिन उनकी टेस्टिंग हुई उसमें 6 से 11 दिन का अंतर है. जिन 30 लोगों की लिस्ट भेजी गई है, उनमें हमारे यहां भी 14 ही लोग पॉजिटिव हैं. हमारी रिपोर्ट 24 से 48 घंटों में ही जा रही हैं. ये लोग अगर अप्रैल की बात कर रहे हैं तो तब किट्स की कमी थी, लेकिन अब वक्त पर रिपोर्ट जा रही हैं और इसकी रिपोर्ट सरकार को भी पता है.”डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट RML हॉस्पिटल
बता दें कि दिल्ली में एम्स के बाद राम मनोहर लोहिया एक ऐसा हॉस्पिटल है जहां पर लोग सबसे ज्यादा अपना इलाज करवाने आते हैं. ये हॉस्पिटल दिल्ली के ऐसे इलाके में स्थित है जिसे वीवीआईपी माना जाता है. राष्ट्रपति भवन के नजदीक आरएमएल हॉस्पिटल में कई नामी लोगों का इलाज भी होता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच हॉस्पिटल पर ये गंभीर आरोप लग रहे हैं.
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे मामले
दिल्ली सरकार पर कोरोना मामलों के लगातार बढ़ने के बावजूद राजधानी को पूरी तरह खोलने का आरोप लग रहा है. पिछले दिनों के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो दिल्ली में लगातार नए रिकॉर्ड बनते दिख रहे हैं. दिल्ली में कुल कोरोना केस 23645 तक पहुंच चुके हैं, वहीं 606 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. बुधवार को दिल्ली में रिकॉर्ड 1513 नए मामले सामने आए, वहीं 9 लोगों की मौत हुई.
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