ADVERTISEMENTREMOVE AD

कन्हैया राजद्रोह केस पर CPI, चिदंबरम से जावडेकर तक, किसने क्या कहा

दिल्ली सरकार ने कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी है

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के चार साल पुराने एक मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी है.

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने उचित विचार-विमर्श के बाद गृह विभाग को इस मामले में अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 20 फरवरी को मंजूरी प्रदान की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी लगातार आरोप लगाती आ रही थी कि आम आदमी पार्टी सरकार कन्हैया कुमार और अन्य पर मुकदमे की स्वीकृति न देकर इस मामले में कार्यवाही को टाल रही है. हालांकि राघव चड्ढा ने कहा,

‘‘दिल्ली सरकार ने नीतिगत और सैद्धांतिक तौर पर ऐसे किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और ना करती है. हमारी सरकार ने पिछले पांच साल में किसी मामले में अभियोजन नहीं रोका है.’’
राघव चड्ढा, आप विधायक

उन्होंने इसे पूरी तरह प्रक्रियागत विषय बताते हुए कहा कि हर मामले के गुण-दोषों पर न्यायपालिका को ही फैसला करना चाहिए.

इस मामले पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने 29 फरवरी को कहा कि वो अपने नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले में ‘‘कानूनी और राजनीतिक’’ दोनों तरह से लड़ाई लड़ेगी.

सीपीआई ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार ने ‘‘राजनीतिक दबाव के आगे घुटने टेक दिए.’’ सीपीआई के बयान में कहा गया है, ‘‘पार्टी को भरोसा है कि कन्हैया कुमार बेगुनाह साबित होंगे क्योंकि ये आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं.’’

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ''राजद्रोह कानून की अपनी समझ में दिल्ली सरकार भी केंद्र सरकार से कम अनजान नहीं है. श्री कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 120 बी के तहत मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी को मैं पूरी तरह से अस्वीकृत करता हूं.''

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस घटनाक्रम का स्वागत करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर शायद यह मंजूरी दी है.

वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जनता के दबाव में, आखिरकार दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए मजबूर होना पड़ा. तीन साल तक अरविंद केजरीवाल इसे टालते रहे लेकिन उन्हें जनता के सामने झुकना पड़ा.’’

पुलिस ने 2016 के इस मामले में कन्हैया कुमार, जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य के खिलाफ 14 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला और वहां कथित रूप से लगाए गए देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×