देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर 1 मई को फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि 'आज ही कैसे भी करके दिल्ली को उसकी तय मात्रा 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई दो. नहीं तो कोर्ट की अवमानना का सामना करना पड़ेगा.'
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली वाली बेंच ने ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई करते हुए कहा कि-
पानी अब सर से ऊपर चला गया है. बहुत हो गया. अब आप (केंद्र) ही सब कुछ लाकर दीजिए.दिल्ली हाईकोर्ट
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि- 'हम आपसे 490 मीट्रिक टन से ज्यादा सप्लाई के लिए नहीं कह रहे. आपने ही दिल्ली के लिए इतना बंटवारा किया हुआ है. अब ये आपकी जिम्मेदारी है कि इतनी सप्लाई करें.'
'दिल्ली को एक भी दिन तय कोटे तक की ऑक्सीजन नहीं मिली'
बेंच ने ये पाया कि दिल्ली के लिए प्रतिदिन 490 मीट्रिक टन की सप्लाई सिर्फ कागजों पर है. एक भी दिन केंद्र ने दिल्ली को इतनी ऑक्सीजन सप्लाई नहीं की.
20 अप्रैल से ही दिल्ली में प्रतिदिन 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जानी थी. लेकिन तब से अब तक एक भी दिन दिल्ली को तय ऑक्सीजन सप्लाई पूरी नहीं की गई.दिल्ली हाईकोर्ट
'केंद्र के खिलाफ अवमानना का केस चला सकता है कोर्ट'
कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं किया जाता है तो सोमवार को होने वाली अगली सुनावाई में कोर्ट केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना चलाने पर भी विचार कर सकता है.
जब एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बेंच को मनाने की कोशिश की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इसी मामले पर सुनवाई कर रही है तो कोर्ट ने जवाब में कहा- हमें ये मत बताइए. 8 लोगों की मौत हो गई है. हम लोगों की मौत पर अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते हैं.'
अदालत बत्रा हॉस्पिटल की तत्काल सुनावई वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बत्रा हॉस्पिटल ने कोर्ट को बताया था कि वो ऑक्सीजन शॉर्टेज की गंभीर समस्या से गुजर रहे हैं. इसके बाद हॉस्पिटल ने कोर्ट को बताया कि 8 लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई.
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