दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए स्वतंत्र है, अगर उसने आईटी नियमों का पालन नहीं किया है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 जुलाई तक टालते हुए कहा, ''यह स्पष्ट किया जाता है कि चूंकि इस अदालत ने नियमों के अनुपालन को दर्शाने के लिए ट्विटर को अपना हलफनामा दाखिल करने के वास्ते केवल समय दिया है और कोई अंतरिम सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, इसलिए नियमों के किसी भी उल्लंघन के मामले में, भारत सरकार के लिए नियमों के अनुसार ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने का विकल्प खुला होगा.''
एनडीटीवी के मुताबिक, ट्विटर ने अदालत को बताया कि उसने दो दिन पहले ही भारत के निवासी को अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है, लेकिन उसने देश में एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति के लिए आठ हफ्ते का समय मांगा है.
इसके अलावा ट्विटर ने कहा कि 11 जुलाई तक एक अंतरिम शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति हो जाएगी और दो हफ्ते में एक अंतरिम नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी. सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी ने अदालत को यह भी बताया कि वो 11 जुलाई तक अपनी पहली अनुपालन रिपोर्ट सार्वजनिक कर देगी.
अदालत ने सोशल मीडिया कंपनी को दो हफ्ते के भीतर औपचारिक रूप से इन विवरणों की घोषणा करते हुए एक हलफनामा दायर करने को कहा और ट्विटर की ओर से नियुक्त सभी अंतरिम अधिकारियों को यह कहते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा कि वे उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों की जिम्मेदारी लेंगे.
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर को आठ जुलाई तक यह बताने का निर्देश दिया था कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में वो स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) की नियुक्ति कब तक करेगा.
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