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रजत शर्मा मानहानि मामला: दिल्ली HC का कांग्रेस नेताओं को सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश

अदालत ने आदेश दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर रजत शर्मा के खिलाफ मौजूद ट्वीट्स और वीडियो को सात दिनों के भीतर हटाया जाए.

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भारत
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इंडिया टीवी के पत्रकार रजत शर्मा ने कांग्रेस (Congress) नेताओं के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ किए गए पोस्ट और वीडियो को तत्काल हटाने की मांग की है. अदालत ने कांग्रेस नेताओं और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को उक्त पोस्ट और वीडियो को हटाने का निर्देश दिया है.

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दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने 14 जून, 2024 को आदेश पारित करते हुए कहा, "यदि ये वीडियो और ट्वीट्स सार्वजनिक डोमेन में बने रहते हैं, तो यह पत्रकार रजत शर्मा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएगा, जिससे उनकी छवि खराब होगी."

कांग्रेस ने क्या आरोप लगाया ?

कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने हाल ही में 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणामों के दिन रजत शर्मा पर लाइव टीवी पर गाली-गलौज करने का आरोप लगाया था. जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर टिप्पणियां की थीं.

रजत शर्मा की प्रतिक्रिया

रजत शर्मा ने 11 जून को कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया और इसे उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश बताया. उन्होंने कहा कि इन आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है.

रजत शर्मा के वकील ने कोर्ट में क्या कहा ?

रजत शर्मा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल ने कोई अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया था. उन्होंने कहा कि आरोप आधारहीन और गढ़े हुए हैं. सिंह ने कहा कि शो 4 जून को लाइव प्रसारित हुआ था और कांग्रेस नेताओं द्वारा कोई मुद्दा नहीं उठाया गया था, लेकिन बाद में छह दिनों के बाद यह मुद्दा उठाया गया.

सात दिन के अंदर पोस्ट और वीडियो हटाने का निर्देश

अदालत ने आदेश दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मौजूद ट्वीट्स और वीडियो को सात दिनों के भीतर हटाया जाए. विशेष रूप से, X प्लेटफार्म पर मौजूद पोस्ट को हटाने और Google India Pvt Ltd को सार्वजनिक डोमेन में मौजूद वीडियो को प्राइवेट करने का निर्देश दिया गया है.

रजत शर्मा ने अपने मुकदमे के माध्यम से कांग्रेस नेताओं को उनके खिलाफ आरोप लगाने से रोकने के लिए अंतरिम राहत की मांग की है. उन्होंने संबंधित वीडियो और पोस्ट को तुरंत हटाने का निर्देश देने की मांग की है. ताकि उनकी प्रतिष्ठा को और अधिक क्षति न पहुंचे. अदालत का यह आदेश तब आया है, जब रजत शर्मा ने आरोपों को निराधार बताते हुए अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने की अपील की है.

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