दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि ट्रांसजेंडर अगर यौन उत्पीड़न की शिकायत करते हैं, तो आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि कानून के तहत ट्रांसजेंडर को यौन उत्पीड़न से बचाया जाएगा.
दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक ट्रांसजेंडर छात्रा ने अदालत में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि क्लास के एक पुरुष साथी द्वारा यौन उत्पीड़न की उसकी शिकायत पर पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है. इसके बाद पुलिस का यह बयान आया है.
छात्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर विचार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह महिला नहीं है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि हालांकि जन्म के समय वह पुरुष थी, लेकिन बड़े होने के बाद उसने लिंग बदलवाने वाली सर्जरी कराने का फैसला किया.
ट्रांसजेंडर छात्रा की याचिका में आरोप लगाया गया है कि उसके पुरुष सहपाठी उसके खिलाफ भद्दी और यौन संबंधी टिप्पणी करते थे. इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत की, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी. पुलिस ने भी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ट्रांसजेंडर की यौन उत्पीड़न की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और उसकी जांच चल रही है. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त ने मामले में निर्देश जारी करते हुए कहा:
‘‘भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए के तहत अगर कोई ट्रांसजेंडर शिकायत दर्ज कराता है तो उसे नालसा मामले में हाईकोर्ट के फैसले के आलोक में कानून के तहत दर्ज किया जाना चाहिए.’’
दिल्ली पुलिस के इस संबंध में मामला दर्ज करने संबंधी बात मान लेने पर शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)