देश में कोरोना की दूसरी वेव का कहर जारी है. 6 मई को रिकॉर्ड 4.12 लाख नए केस सामने आए. अस्पतालों की स्थिति और भी खराब चल रही है. इस बीच दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कोविड से फंगस संक्रमण में तेजी देखी जा रही है. इस संक्रमण को म्युकोरमाइकोसिस कहते हैं.
म्युकोरमाइकोसिस ऐसा संक्रमण है जो कोविड की वजह से बढ़ गया है. ब्लैक फंगस या म्युकोरमाइकोसिस काफी समय से ट्रांसप्लांट, ICU और कमजोर इम्युन सिस्टम वाले मरीजों में बीमारी और मौत का कारण बनता रहा है.
दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में वरिष्ठ ENT सर्जन डॉ मनीष मुंजाल का कहना है कि पिछले दो दोनों में म्युकोरमाइकोसिस के छह केस आ चुके हैं.
“हम एक बार फिर कोविड से ट्रिगर होने वाले खतरनाक फंगल संक्रमण में तेजी देख रहे हैं. पिछले साल इस संक्रमण की वजह से कई मौतें हुई थीं और कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई और नाक और जबड़े की हड्डी हटानी पड़ी.”डॉ मनीष मुंजाल
क्यों बढ़ रहा फंगल संक्रमण?
अस्पताल के ENT विभाग के चेयरमैन डॉ अजय स्वरुप का कहना है कि कोविड के इलाज में इस्तेमाल आने वाले स्टेरॉयड और कुछ मरीजों में डायबिटीज की शिकायत इस फंगल संक्रमण के बढ़ने की वजह हो सकती है.
डॉ स्वरुप ने कहा, "ये संक्रमण सामान्य तौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जो कोविड से ठीक हो गए हैं, लेकिन डायबिटीज, किडनी या हार्ट फेलियर और कैंसर जैसी कोमोर्बिडिटी है."
डॉ मुंजाल ने कहा कि कमजोर इम्युन सिस्टम वाले कोविड मरीजों में इस संक्रमण के होने का खतरा ज्यादा है. उन्होंने कहा, "नाक में रुकावट, आंखों में सूजन और नाक में ब्लैक क्रस्ट जैसी शुरुआती लक्षणों को देखकर तुरंत बायोप्सी करानी चाहिए और जल्दी से जल्दी एंटीफंगल थेरेपी शुरू करनी चाहिए."
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