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दिल्ली कंझावला जैसे तीन और हादसे, महिला-डिलीवरी बॉय की मौत, कोमा में छात्रा

ग्रेटर नोएडा में एक जनवरी को बीटेक की छात्रा का एक्सिडेंट हुआ, जो जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

Published
भारत
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दिल्ली के कंझावला में हुए एक्सीडेंट ने पूरे देश को चौंका दिया. सबके जहन में एक ही सवाल है. आखिर उस रात क्या हुआ? जवाब जरूरी है, लेकिन 31 दिसंबर और 1 जनवरी की दरमियानी रात कंझावला एक्सीडेंट के पैटर्न पर तीन और हादसे हुए. एक नोएडा में. दूसरा ग्रेटर नोएडा में और तीसरा बांदा में. कंझावला सहित चारों हादसों को देखने पर पता लगता है कि कैसे जश्न की रात उस रात कुछ घरों में मातम पसरा.

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कंझावला हादसा

क्या हुआ: दिल्ली के कंझावला में एक जनवरी को 20 साल की एक लड़की की डेड बॉडी मिलती है. शरीर पर कपड़े नहीं. खोपड़ी खुली हुई. कई जगहों पर चोट के निशान. शाम होते-होते पुलिस बताती है कि एक्सीडेंट में लड़की की मौत हुई. लेकिन डेड बॉडी की हालत देख कई सवाल उठते हैं. इसलिए केस सर्खियों में छा जाता है. 5 लोगों की गिरफ्तारी होती है. पुलिस ने बताया,

कैसी विभत्सता: "अंजली सिंह नाम की लड़की 1 जनवरी की रात 1 बजे अपने काम से घर लौट रही थी. करीब 2 बजे एक्सिडेंट हो जाता है. एक बलेनो गाड़ी, जिसमें 5 लोग बैठे होते हैं वो अंजली को टक्कर मार देते हैं. जिस समय एक्सिडेंट होता है उस समय अंजली की एक दोस्त भी बैठी होती है."

जब बलेनो गाड़ी टक्कर मारती है, तो अंजली गाड़ी के अंदर फंस जाती है. इस बात की जानकारी बलेनो में बैठे सभी आरोपियों को भी होती है, ये बात अंजली की दोस्त निधि ने बताई है. बावजूद, सभी पांचों आरोपी अंजली को घसीटते हुए 10 से 12 किलोमीटर लेकर जाते हैं. सबसे दुखद बात ये होती है कि इन 10 से 12 किलोमीटर की दूरी के बीच दिल्ली पुलिस का एक भी पुलिकर्मी की नजर इस भयावह हादसे पर नहीं पड़ती है.

दिल्ली पुलिस में 76,000 पुलिसकर्मी काम करते हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उस रात उनमें से कम से कम 18,000 पुलिसकर्मी शहर की सड़कों पर तैनात थे. 1,600 नाके बनाए गए थे. पुलिस की 1,200 गाड़ियां और कम से कम 2,000 मोटरसाइकिलें गश्त लगा रही थीं. इसके बावजूद एक गाड़ी में सवार पांच लोग गाड़ी के एक्सल में फंसी एक महिला को कम से कम 10-12 किलोमीटर की दूरी तक करीब डेढ़ घंटे तक घसीटते रहे.

पुलिस कार्रवाई: इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. फिलहाल, पुलिस ने 2 और आरोपियों का खुलासा किया है. ऐसे में अंजली सिंह एक्सिडेंट में 7 आरोपी हो गए हैं.

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बांदा हादसा

क्या हुआ: बांदा कृषि विश्वविद्यालय की कर्मचारी पुष्पा का भी एक्सिडेंट 1 जनवरी को हुआ था, जिसमें एक ट्रक ने उन्हें साढ़े 3 किलोमीटर घसीटकर ले गया. इस हादसे में पुष्पा की मौत हो गई.

कैसी विभत्सता: कृषि विश्वविद्यालय के पुष्पेन्द्र ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय में क्लर्क का काम कर रहीं पुष्पा का सड़क हादसे में मौत हो गई है. पुष्पेंद्र ने बताया कि जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त मृतक पुष्पा घरेलू सामान और पेट्रोल लेने के लिए बाहर आई थीं. जहां उन्हें ट्रक ने टक्कर मार दी और वो ट्रक साढ़े 3 किलोमीटर तक उन्हें घसीटते हुए ले गया. रास्ते में कई लोगों ने उसका पीछा किया, रोकने का प्रयास किया लेकिन ट्रक नहीं रूका. ये हादसा शहर कोतवाली के मवई बुजुर्ग गांव का है.

बताया जा रहा है कि महिला के पति भी यूनिवर्सिटी में काम करते थे, लेकिन कोरोना के वक्त उनकी मौत हो गई थी. जहां ये दुर्घटना हुई वहां कोई भी ब्रेकर नहीं है, जिसके चलते वहां अक्सर एक्सीडेंट होते रहते हैं.

पुलिस कार्रवाई: इस पूरे मामले पर ASP लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि एक महिला पुष्पा हैं, जो कृषि विश्वविद्यालय में नौकरी करती थीं. उनको पति की डेथ होने के बाद नौकरी मिली थी. इनकी दर्दनाक मौत हो गयी है. घसीटे जाने के सवाल पर ASP ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है. महिला विश्वविद्यालय से घर जा रही थी, ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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नोएडा हादसा

क्या हुआ: एक जनवरी की रात को नोएडा के सेक्टर-14 (A) फ्लाई ओवर के पास एक हादसा हुआ. इसमें कार ने डिलिवरी बॉय कौशल को टक्कर मार दी. कौशल इटावा का रहने वाला था. वह नोएडा-दिल्ली के बीच स्विगी की ओर से फूड डिलीवरी का काम करता था और नोएडा में सलारपुर में रहता था. कौशल की शादी अभी डेढ़ साल पहले ही हुई थी.

हादसे की शिकायत कौशल के भाई अमित कुमार ने दी है. अमित ने थाना फेज-1 में FIR दर्ज कराई है. शिकायत के मुताबिक 1 जनवरी की रात करीब एक बजे अमित कुमार ने अपने भाई कौशल को फोन किया. किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन उठाया और बताया कि "मैं ओला गाड़ी चलाने वाला बोल रहा हूं. तुम्हारे भाई का एक्सीडेंट हो गया है."

कैसी विभत्सता: कैब ड्राइवर ने मृतक कौशल के भाई को फोन पर बताया कि किसी अज्ञात वाहन ने सेक्टर-14 फ्लाई ओवर के पास टक्कर मार दी और करीब 500 मीटर खींचता हुआ शनि मंदिर सड़क तक ले गया. पुलिस अब इस ओला कैब ड्राइवर की तलाश में है, जिसने कौशल के भाई का फोन उठाया था. भाई अमित कुमार ने बताया कि इसके बाद हम लोग शनि मंदिर पहुंचे. यहां कौशल का शव शनि मंदिर के पास पड़ा हुआ था.

पुलिस कार्रवाई: ADCP आशुतोष द्विवेदी ने बताया है कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. वह दिल्ली और नोएडा की ओर मुख्य सड़क पर लगे CCTV फुटेज खंगाल रही है. जिस ओला ड्राइवर ने फोन उठाया था, उसकी तलाश भी की जा रही है. इसके लिए 3 टीमें बनाई गई हैं.

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ग्रेटर नोएडा हादसा

क्या हुआ: 31 दिसंबर और 1 जनवरी की दरमियानी रात को ग्रेटर नोएडा के डेल्‍टा सेक्‍टर एर‍िया में एक सेंट्रो कार तीन छात्राओं टक्कर मार देती है. इसमें से एक छात्रा को गंभीर चोट आती है, जो अभी भी कोमा में है.

बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से घायल स्वीटी कुमारी बी.टेक (B.Tech student) की छात्रा है. बिहार से आने वाली स्वीटी का परिवार गरीब है. इसलिए साथी छात्र क्राउड फंडिंग के जरिए उसका इलाज करा रहे हैं.

कैसी विभत्सता: एक्सिटेंट में कम चोटिल दो अन्य छात्राएं करसोनी और अंगनवा ने जानकारी दी कि हादसा उस वक्‍त हुआ जब हम लोग स्वीटी के साथ घर लौट रहे थे. इसी वक्त एक सफेद सैंट्रो कार ने उनको टक्‍कर मार दी. ज‍िग जेक तरीके से चल रही इस कार ने हम तीनों को टक्‍कर मारी थी. लेक‍िन स्‍वीटी इस टक्‍कर के बाद पूरी तरह से हवा में उछल गई थी. जबक‍ि हम दोनों को हल्‍की चोटें आई हैं.

पुलिस कार्रवाई: फिलहाल, पुल‍िस सीसीटीवी (CCTV) फुटेज खंगाल रही है. आरोपी को पकड़ने के ल‍िए पुल‍िस ने तीन टीमों का गठन भी क‍िया है. लेक‍िन, अभी इस मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है.

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