3 अक्तूबर से बढ़ने वाले मेट्रो के किराए पर फिलहाल रोक लग गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कदम को ‘जनविरोधी’ बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया था. केजरीवाल ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया. जिसके बाद गहलोत ने डीएमआरसी को चिट्ठी लिखी.
इस चिट्ठी में साफ तौर पर कहा गया- "मेट्रो का किराया बढ़ने से दिल्ली के लोग खासे परेशान होंगे. ये कदम लोगों के हित के खिलाफ है. दिल्ली सरकार मेट्रो किराए में किसी भी तरह की बढ़ोतरी के विरोध में है. बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार से बात की गई या नहीं, ये साफ नहीं है. सरकार मामले की जांच कर रही है. इस बारे में डीएमआरसी चीफ मंगू सिंह से भी बात कर ली गई है. सरकार की जांच पूरी होने तक किराया बढ़ोतरी को स्थगित रखा जाए"
इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट कर डीएमआरसी के फैसले पर पुरजोर विरोध जताया.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक परिवहन मंत्री डीएमआरसी चीफ मंगू सिंह को बुला भी सकते हैं. सरकार पूरी कोशिश करेगी कि किराए में बढ़ोतरी न हो.
इसके कुछ समय बाद ही कैलाश गहलोत ने एक ट्वीट किया. जिसमें कहा गया, 'अरविंद केजरीवाल के निर्देश के मुताबिक, डीएमआरसी अध्यक्ष को आज 2.30 बजे किराए में वृद्धि से संबंधित सभी रिकॉर्ड्स के साथ सचिवालय बुलाया गया है.
आपको बता दें, दिल्ली मेट्रो में केन्द्र और दिल्ली सरकार 50-50 प्रतिशत की पार्टनर है.
अगर मेट्रो का किराया बढ़ता तो ये साल भर के भीतर दूसरी बढ़ोतरी होती. इससे पहले मेट्रो के किराए में मई के महीने में इजाफा किया गया था. उस समय न्यूनतम किराया 8 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये, जबकि अधिकतम किराया 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया था. 3 अक्तूबर से मेट्रो किराया अधिकतम 10 रुपये यानी अधिकतम किराया 50 से बढ़ाकर 60 रुपये करने की योजना थी.
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