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दिल्ली-एनसीआर का AQI डेंजर जोन में पहुंचा, ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे खराब

Delhi NCR AQI: वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों की आंखों में जलन और गले में खराश हो रही है. आसमान में भी घनी धुंध छाई हुई है.

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दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है. वायु प्रदूषण ने शुक्रवार (3 नवंबर) को सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. कई शहरों की एयर क्वालिटी सुबह ही डेंजर जोन में पहुंच गई है. ग्रेटर नोएडा की एयर क्वालिटी सबसे खराब दर्ज की गई है, जहां का AQI 476 है. लोगों की आंखों में जलन और गले में खराश हो रही है. आसमान में घनी धुंध छाई हुई है.

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दिल्ली में BS3-BS4 वाहनों पर प्रतिबंध

बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर जहां ग्रैप का थर्ड स्टेज लागू करते हुए सख्तियां बढ़ा दी गई हैं, वहीं दिल्ली में अब बसों के बाद BS3 और BS4 वाली सभी गाड़ियों के चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इससे गाजियाबाद-नोएडा के लाखों वाहन चालक प्रभावित होंगे, जो हर रोज अपने कामकाज के सिलसिले में दिल्ली जाते हैं.

किस शहर का कितना AQI?

  • ग्रेटर नोएडा 476

  • नोएडा 432

  • बागपत 423

  • गाजियाबाद 387

  • हापुड़ 375

  • मेरठ 367

  • बुलंदशहर 332

  • मुजफ्फरनगर 215

स्प्रिंक्लर-एंटी स्मॉग गन नहीं दिखे

इस वक्त प्रदूषण की सबसे ज्यादा स्थिति खराब ग्रेटर नोएडा की है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में पता चला है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 57 स्प्रिंक्लर तैनात करने का जो दावा किया था, वो गलत निकला है.

कंट्रोल बोर्ड के गुरुवार के निरीक्षण में एक भी स्प्रिंक्लर सड़कों पर नहीं मिला. मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें और एंटी स्मॉग गन भी कहीं दिखाई नहीं दिख रहे. इधर, प्राधिकरण लगातार दावा कर रहा है कि हम हर स्तर पर वायु प्रदूषण की रोकथाम में जुटे हुए हैं.

40 निर्माण कार्यों पर 22.75 लाख जुर्माना

वायु प्रदूषण की इतनी खराब स्थिति होने के बावजूद लोग खुले में कूड़ा जलाना नहीं छोड़ रहे. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का उल्लंघन करने वाले 40 निर्माण कार्य स्थलों पर नोएडा प्राधिकरण ने 22.75 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. ये कार्रवाई सिर्फ बीते दो दिन के भीतर हुई है. वायु प्रदूषण रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण अभियान में लापरवाही बरतने पर प्राधिकरण ने वर्क सर्किल तीन के वरिष्ठ प्रबंधक का वेतन भी रोक दिया है.

गाजियाबाद में 40 से ज्यादा मरीजों को पड़ी ऑक्सीजन की जरूरत

गाजियाबाद के MMG और संयुक्त जिला अस्पताल में वायु प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीज एकाएक बढ़ गए हैं. दोनों अस्पतालों में गुरुवार को करीब 40 से ज्यादा ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी.

MMG हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉक्टर आलोक रंजन ने बताया, ओपीडी में हर दूसरा मरीज गले की खराश से संबंधित था. कुछ को आंखों में जलन की दिक्कत थी. ये सब खतरनाक प्रदूषण के निशान हैं. लोगों को सलाह है कि वे मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें. जो सांस रोगी हैं, वे बेहद जरूरी कार्यों से ही बाहर जाएं."

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