दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का कहर जारी है. घने कोहरे के चलते जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भी बुरा असर पड़ा है. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा समेत समूचे उत्तरी और पूर्वी भारत में घना कोहरा छाया हुआ है.
शनिवार सुबह पूरे दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा छाया रहा. इस दौरान न्यूनतम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया.
रेलवे की रुकी रफ्तार
कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है. शनिवार सुबह तक दिल्ली में बाहर से आने वाली 49 ट्रेनें लेट चल रही हैं. इनमें कई रेलगाड़ियां 1 घंटे से लेकर 33 घंटों तक लेट चल रही हैं. 13 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है. साथ ही घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी में हो रही दिक्कतों की वजह से 18 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है. इन वजहों से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और सफर करने वाली महिला यात्रियों को हो रही है.
पिछले कई दिनों से यही हाल
इससे पहले घने कोहरे की वजह से शुक्रवार को 62 ट्रेनें लेट हुईं. 20 ट्रेनों के समय में फेरबदल किया गया. वहीं, 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया.
रेलवे ट्रैक पर लगाए गए सुरक्षा उपकरण
ट्रेनों में कोहरे से राहत के लिए एक खास तरह का सुरक्षा उपकरण लगाया है, जो ट्रेनों की गति को बढ़ाने और कोहरे से होने वाली देरी को कम करेगा. उत्तर रेलवे के सीपीआरओ नितिन चौधरी ने बताया कि हमने इस उपकरण में जीपीएस तकनीक का प्रयोग किया है जिसमें उत्तर रेलवे के पटरियों, संकेतों, स्टेशनों और लेवल क्रॉसिंग के मैप शामिल हैं. यह उपकरण लेवल क्रॉसिंग और सिग्नल के बारे में लोको पायलट को अलर्ट करेगा. जब ड्राइवर को लगेगा कि कोई बाधा नहीं है, तो वे ट्रेन की स्पीड को बढ़ा सकते हैं, जिससे कोहरे की वजह से लेट चल रही ट्रेनों की स्थिति में सुधार आएगा.
फ्लाइट्स में भी देरी
घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी में आ रही दिक्कतों की वजह से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगभग 198 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी हुई. 20 से ज्यादा फ्लाइट्स देर से उड़ान भर सकीं और 11 फ्लाइट्स को रद्द किया गया. इस वजह से एयरपोर्ट पर यात्री परेशान दिखाई दिए. इस मौसम में अब तक 1000 से ज्यादा उड़ानों का समय बदलना पड़ा है.
मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा, और नौ जनवरी तक ऐसी ही स्थिति बनी रहने की आशंका है.
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