दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच झड़प का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है. झड़प के बाद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन किया और बताया कि उनको दबाने की कोशिश की जा रही है. पुलिस के आरोप हैं कि वकीलों को इस झड़प के बाद कई राहत दी गई, वहीं पुलिस को सजा सुना दी गई. लेकिन इस झड़प में महिला डीसीपी से भी बदसलूकी हुई थी, जिस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
तीस हजारी कोर्ट में डीसीपी (उत्तरी जिला) मोनिका भारद्वाज के साथ धक्का-मुक्की हुई. इसके अलावा उनकी सर्विस रिवॉल्वर छीन ली गई. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते शनिवार से उनकी पिस्तौल गायब है. लेकिन इस मामले पर अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. पिस्तौल गायब होने और डीसीपी के साथ बदसलूकी को लेकर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है.
रिपोर्ट के मुताबिक महिला अधिकारी ने अपने साथियों को बताया कि मामूली एफआईआर दर्ज करने से ज्यादा कुछ नहीं होने वाला है. ये खुद को बेवकूफ बनाने जैसा होगा. आधिकारिक तौर पर पुलिस का कहना है कि वो बिना एफआईआर के कुछ नहीं कर सकते हैं. लेकिन यौन अपराध जैसे मामलों में पुलिस खुद ही कार्रवाई कर सकती है.
पुलिस पर बन रहा दबाव?
एनडीटीवी ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि पुलिस पर इस मामले को लेकर काफी दबाव है. इसीलिए सभी सीनियर अफसरों को इन दोनों मामलों की जानकारी होने के बाद भी वो चुप हैं. यहां तक कि महिला अधिकारी को भी संकेत दे दिए गए हैं कि वो मामले को आगे न बढ़ाएं.
बता दें कि वकीलों और पुलिस के बीच तीस हजारी कोर्ट में हुए संघर्ष की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ चुकी हैं. जिसमें दिख रहा है कि कैसे वकीलों की भीड़ बाहर खड़े वाहनों को आग के हवाले कर रही है. साथ ही इन फुटेज में दिख रहा है कि जिस कमरे में पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए जमा हुए हैं, अचानक वहां वकीलों की भीड़ पहुंचती है और मारपीट शुरू होती है.
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