महिला पहलवानों (Women Wrestlers) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (28 अप्रैल) को सुप्रीम को बताया कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और BJP सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पहलवानों की शिकायत पर आज FIR दर्ज करेगी. सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने CJI डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस बार में जानकारी दी.
कोर्ट ने अपने आदेश में इसे दर्ज किया और कहा, "SG तुषार मेहता ने अदालत को बताया है कि चूंकि आरोपों में संज्ञेय अपराध शामिल है, इसलिए पहले अभियुक्त ने FIR दर्ज करने का फैसला किया है.
इससे पहले मंगलवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मामले में कोई भी FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की आवश्यकता होगी.
कोर्ट में आज क्या हुआ?
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस FIR दर्ज करेगी और याचिका का निस्तारण किया जाना चाहिए, क्योंकि कुछ भी नहीं बचा है.
वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच की निगरानी एक रिटार्यड जज द्वारा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "हम दो आधारों पर चिंतित हैं- नंबर एक, सुरक्षा और दूसरा, उनके खिलाफ 40 मामले हैं. मैं आपको सूची दूंगा."
इसकी निगरानी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए. ये वे लड़कियां हैं जो यहां देश के लिए खेली हैं. आपको मुझसे सहमत होना चाहिए.कपिल सिब्बल, याचिकाकर्ताओं के वकील
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जीवित बचे लोगों में से एक को खतरा है, जो नाबालिग है. बार एंड बेंच के मुताबिक, सिब्बल ने इस आधार पर सीलबंद कवर में एक हलफनामा भी दिया कि नाबालिग लड़की की सुरक्षा को खतरा है, जो कथित तौर पर यौन हमले की शिकार है.
हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जांच के तौर-तरीकों को निर्णय लेने के लिए पुलिस आयुक्त पर छोड़ देना चाहिए.
अगर FIR दर्ज नहीं है तो उपाय 156 (3) है. जब हमने देखा कि संज्ञेय अपराध है, तो हमने कहा कि FIR दर्ज होने दें. हमें लगता है कि यहां कुछ और चल रहा है और मैं इससे अधिक नहीं कह सकता, क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है.तुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरल
कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद सॉलिसिटर जनरल की दलील दर्ज की कि एफआईआर दर्ज की जाएगी.
अदालत ने क्या कहा?
CJI ने SG से कहा, "सुरक्षा प्रदान करने दें, आप सुरक्षा के बारे में अदालत को अवगत करा सकते हैं. देखते हैं कि क्या होता है, यह विकसित स्थिति है." नाबालिग लड़की को खतरे की आशंका के संबंध में, अदालत ने सीधे दिल्ली पुलिस आयुक्त को इसका आकलन करने और कोर्ट में एक हलफनामा दायर करने को कहा है.
आदेश में कहा गया है, "हम दिल्ली पुलिस आयुक्त को खतरे की आशंका का आकलन करने और नाबालिग लड़की को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हैं. साथ ही, नाबालिग लड़की को सुरक्षा देने के लिए इस अदालत के समक्ष हलफनामा दायर करने का भी निर्देश देते हैं."
खंडपीठ ने स्पष्ट किया, "नाबालिग लड़की को सुरक्षा प्रदान करने का हमारा निर्देश आयुक्त के सुरक्षा के लिए अन्य शिकायतकर्ताओं के लिए स्वतंत्र खतरे की धारणा बनाने के रास्ते में नहीं खड़ा होगा."
अदालत ने याचिका का निस्तारण नहीं किया और कहा कि अब इस पर अगले हफ्ते फिर सुनवाई होगी. बता दें कि खंडपीठ महिला रेसलर्स द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो पिछले कुछ दिनों से जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही हैं.
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