सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) में किसान आंदोलन स्थल पर दिल्ली पुलिस ने लखबीर सिंह की हत्या के लिए मुआवजे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के एक समूह को रोक दिया. पंजाब (Punjab) के एक दलित मजदूर लखबीर का शव 15 अक्टूबर को प्रोटेस्ट स्थल पर मिला था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक 35 वर्षीय लखबीर पर सिख पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को कथित रूप से अपवित्र करने के लिए हमला किया गया था. हत्या के मामले में चार निहंगों को गिरफ्तार किया गया है.
हिंद मजदूर किसान समिति के नेताओं और लखबीर के परिवार के सदस्यों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास नरेला में रोका.
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारी उस जगह तक जाने की कोशिश कर रहे थे, जहां पर किसानों का प्रोटेस्ट चल रहा है लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें रोक दिया गया. पुलिस ने कथित तौर पर स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज भी किया. अब बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और किसी भी तरह की भगदड़ को रोकने के लिए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है.
पंजाब सरकार से मुआवजे की मांग
प्रदर्शनकारी हाथों में पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था कि ‘आंदोलन की आड़ में टेरर को रोका जाए’. वो मांग कर रहे थे कि सिंघु बॉर्डर पर उन्हें उन किसानों के काउंटर में धरना देने की अनुमति दी जाए, जो कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल से प्रोटेस्ट कर रहे हैं. बॉर्डर पर आए हुए प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि पंजाब सरकार लखबीर सिंह की हत्या के लिए मुआवजा दे.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने स्पष्ट रूप से हत्या से खुद को दूर कर लिया है और कहा है कि उनका निहंगों से कोई संबंध नहीं है.
बता दें कि हिंद मजदूर किसान समिति ने पिछले साल कृषि कानूनों का समर्थन किया था और उनके समर्थन में रैलियां निकाली थीं.
इस सप्ताह की शुरुआत में, लखबीर सिंह के परिवार के सदस्यों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला से मुलाकात की और न्याय की मांग की. आयोग ने कहा है कि वो ये सुनिश्चित करेगा कि दोषियों को एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दंडित किया जाए और मजदूर के परिवार को पर्याप्त मुआवजा मिले.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)