दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने क्विंट को बताया है कि FridaysforFuture.in या FFF के खिलाफ UAPA नोटिस एक 'क्लेरिकल गलती' थी और इसे वापस ले लिया गया है. रंधावा ने कहा कि इंटरनल इन्क्वॉयरी भी हो रही है, जिसमें पता लगाया जाएगा कि गलती कैसे हुई.
FFF इंडिया वेबसाइट को 10 जुलाई को ब्लॉक कर दिया गया था. ये दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट के बिग रॉक को UAPA के सेक्शन 18 के तहत नोटिस दिए जाने के बाद हुआ था. बिग रॉक वेबसाइट का डोमेन नाम रजिस्ट्रार है.
रंधावा ने क्विंट को ये नहीं बताया कि 'क्लेरिकल गलती' को ठीक करने के लिए 16 दिन क्यों लगे. उनका कहना है कि नोटिस 'पहले' ही वापस ले लिया गया था, लेकिन तथ्य ये है कि FFF इंडिया वेबसाइट 24 जुलाई को सुबह 11:30 बजे के बाद ही दोबारा चालू हो पाई.
लेकिन थोड़ा पीछे जाते हैं.
FFF इंडिया ने जून 2020 में पर्यावरण मंत्रालय के Draft Environment Impact Assessment (EIA) नोटिफिकेशन 2020 के खिलाफ एक ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया था. 23 मार्च को जारी हुए इस नोटिफिकेशन को लेकर पर्यावरण एक्टिविस्टों का कहना है कि ये पर्यावरण संबंधी नियमों को 'कमजोर' करके 'बिल्डर लॉबी' का पक्ष लेता है.
विरोध जताने के एक तरीके के तौर पर FFF ने एक ड्राफ्ट ‘प्रोटेस्ट’ ईमेल और पर्यावरण मंत्रालय का ईमेल एड्रेस अपलोड कर दिया. मंत्रालय का ईमेल एड्रेस पहले से ही सार्वजानिक था. FFF ने समर्थकों से ये प्रोटेस्ट ईमेल सीधे मंत्रालय को भेजने को कहा. इसका नतीजा ये हुआ कि मंत्रालय को कई हजार ईमेल पहुंचे, जिसके बाद पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने FFF इंडिया के खिलाफ दिल्ली पुलिस साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत की.
गलती पहचानने में लगे 16 दिन
बिग रॉक को भेजा गया नोटिस 8 जुलाई को आईटी एक्ट के सेक्शन 79(3) के तहत जारी हुआ था. इसमें FFF इंडिया की वेबसाइट ब्लॉक करने को कहा गया था.
नोटिस में वेबसाइट ब्लॉकिंग की वजह साफ तौर से कही गई है, "ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट का पब्लिकेशन और ट्रांसमिशन UAPA एक्ट के सेक्शन 18 के तहत एक हस्तक्षेप-योग्य और दंडनीय अपराध है." आप इस नोटिस को नीचे पढ़ सकते हैं.
जब दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा से पूछा गया कि UAPA का जिक्र करने वाला ये नोटिस कब 'वापस' लिया गया, तो उन्होंने कोई तारीख नहीं बताई, बस कहा कि 'पहले' लिया गया है.
FFF इंडिया की लीगल टीम के अभिनव सेखरी कुछ अलग घटनाक्रम पेश करते हैं. सेखरी का कहना है कि FFF को कम से कम 22 जुलाई तक तो इस आईटी नोटिस को 'वापस' लिए जाने की औपचारिक जानकारी नहीं मिली.
उन्होंने क्विंट को बताया कि FFF की वेबसाइट ब्लॉक होने के कई दिन बाद 22 जुलाई को वो दिल्ली पुलिस को 10 पेज का रिप्रजेंटेशन भेजने को मजबूर हुए, जिसमें वेबसाइट के सस्पेंशन पर सवाल थे. उसके अगले दिन कई लोगों ने FFF के खिलाफ UAPA लगाए जाने के खिलाफ आवाज उठाई. इसके बाद साइट 'अनब्लॉक' हुई.
FFF इंडिया की वेबसाइट ने 24 जुलाई को सुबह 11.30 बजे चलना शुरू किया.
हमने डोमेन रजिस्ट्रार बिग रॉक को 23 जुलाई की रात लिखित में पूछा कि क्या मामले में कोई अपडेट है, लेकिन अभी तक कोई रिप्लाई नहीं मिला है. इसलिए मैं अभी पुष्टि नहीं कर सकता कि कोई नोटिस नहीं है.FFF इंडिया की लीगल टीम के अभिनव सेखरी
सवाल जिनके जवाब नहीं मिले
- अगर UAPA लगाना 'क्लेरिकल गलती' थी तो वेबसाइट 16 दिन ब्लॉक क्यों रही?
- क्या दिल्ली पुलिस ने बिग रॉक को जानकारी कि UAPA के जिक्र वाला आईटी नोटिस 'क्लेरिकल गलती' है? अगर हां, तो कब?
- अगर आईटी नोटिस पहले ही 'वापस' ले लिया गया था तो FFF इंडिया की वेबसाइट 24 जुलाई को ही 'अनब्लॉक' क्यों हुई?
- क्या जनता का आवाज उठाना वेबसाइट अनब्लॉक करने की वजह थी?
दिल्ली पुलिस ने अपने बचाव में कहा है कि 12 जुलाई को एक दूसरा आईटी नोटिस जारी किया गया था और इसे 16 जुलाई को वापस ले लिया गया जब पर्यावरण मंत्रालय को प्रोटेस्ट ईमेल आने बंद हो गए. लेकिन पुलिस ने इस नोटिस की कोई जानकारी मीडिया से शेयर नहीं की है. न ही बिग रॉक को कोई दूसरा नोटिस मिला. और न ही ये पता है कि इसके बाद वेबसाइट अनब्लॉक करने में 8 दिन क्यों लगे.
FFF इंडिया की वेबसाइट पर Draft EIA नोटिफिकेशन के खिलाफ कैंपेन फिलहाल नहीं दिख रहा है. सेखरी का कहना है कि FFF इंडिया अंदरूनी तौर पर कैंपेन को आगे कैसे ले जाना है, इस पर विचार कर रहा है.
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