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पराली पर सियासी प्रदूषण, केंद्र और दिल्ली ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण का जिम्मेदार कौन है? दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार पर बरस रही है.

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दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण का जिम्मेदार कौन है? दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार पर बरस रही है और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जावडेकर, दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर प्रदूषण के मुद्दे का सियासीकरण करने का आरोप लगा रहे हैं. इन सारे आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली के लोग प्रदूषण में घुट-घुटकर रहने को मजबूर हैं.

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केंद्र सरकार क्या कर रही है?

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर सरकार इस समस्या से निपटने के लिए क्या कर रही है.

पूरा उत्तर भारत पराली के धुएं की चपेट में है... केंद्र सरकार खुद कह रही है कि मौजूदा प्रदूषण में 46% पराली की वजह से है. लेकिन केंद्र सरकार क्या कर रही है पूरे उत्तरी भारत को इससे बचाने के लिए? बीजेपी कोई समय सीमा बताएगी कि कब तक पराली जलना बंद करवाएगी?
मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम, दिल्ली सरकार

जावडेकर पर भी मनीष सिसोदिया ने लगाए आरोप

मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि पराली प्रदूषण पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर बार-बार मीटिंग तो बुलाते हैं लेकिन ये मीटिंग कभी हो नहीं पाती.

केंद्र सरकार ने अदालत में बताया है कि पूरे 2 साल में सिर्फ 63000 मशीन दी गयी हैं जबकि कुल किसानों की संख्या लगभग 26 लाख है. यह सिर्फ खानापूर्ति है.
प्रकाश जावडेकर, केंद्रीय मंत्री
प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली बहुत सारे कदम उठा रही है. यहां की जनता बहुत संघर्ष कर रही है, Odd Even कर रही है, भवन निर्माण बैन हो रहे.

राजनीति कर रही केजरीवाल सरकार

इससे पहले प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पराली जलाने के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार ‘राजनीतिक’ कर रही है. उन्होंने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि वह आरोप प्रत्यारोप में लिप्त है. जावडेकर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे है और कोई समाधान निकालने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप में लिप्त है. वह हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को खलनायक के रूप में पेश करने के वास्ते उन्हें पत्र भेजने के लिए बच्चों को भड़का रहे है. ’’

उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो पिछले 15 साल में बिगड़ी है और अब नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इसका निवारण किया जा रहा है.

जावडेकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बजाय दिल्ली सरकार को अच्छे कार्यों के लिए धनराशि के इस्तेमाल पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.

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