आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और दस अन्य पर 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के एक अधिकारी की मौत के मामले में हत्या का आरोप है. LiveLaw की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार, 23 मार्च को ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय किया है.
ताहिर हुसैन के अलावा अन्य आरोपियों में हसीन, नाजिम, कासिम, समीर खान, अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम और मुंतजिम शामिल हैं. कोर्ट में मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला कर रहे थे.
कथित तौर पर कोर्ट ने पाया कि भीड़ के द्वारा हिंदुओं के घरों पर गोलियां चलाई गईं, पथराव किया गया और घरों की ओर पेट्रोल बम फेंके गए.
गवाहों के बयानों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि भीड़ में सभी आरोपी व्यक्तियों की उपस्थिति सिद्ध होती है.
Live Law की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा,
ताहिर लगातार भीड़ को प्रेरित करने के तरीके से काम कर रहा था. ये सभी चीजें हिंदुओं को टारगेट करने के लिए की गई थीं. भीड़ के हर सदस्य का मकसद हिंदुओं को टारगेट करना था. भीड़ में शामिल लोगों का व्यवहार बताता है कि वो हिंदुओं को मारने और नुकसान पहुंचाने के लिए खुद की सहमति के साथ काम कर रहे थे. सबूतों के आधार पर इस केस में दंगों में शामिल होने, हिंदुओं को मारने और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एक आपराधिक साजिश नजर आती है.
दिल्ली दंगों के दौरान 26 वर्षीय आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की मौत हो गई थी. उनका शव 26 फरवरी 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली के चांद बाग इलाके में एक नाले में मिला था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक चश्मदीदों ने बताया कि अंकित ने दो भीड़ के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश की थी.
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