रिटायर्ड आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव को एक पत्र लिखा है. रिबेरो ने इसमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामलों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने को कहा है.
मौजूदा जांच पर सवाल उठाते हुए रिबेरो ने अपने पत्र में कहा कि 'दिल्ली पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ जानबूझकर संज्ञेय अपराध दर्ज नहीं कर रही.' रिबेरो रोमानिया में भारत के राजदूत रह चुके हैं.
दिल्ली पुलिस ने 12 सितंबर को पुष्टि की, कि उन्हें पत्र मिला है, लेकिन पुलिस ने कहा कि वो इसकी सच्चाई का सत्यापन करेगी. हालांकि, क्विंट ने स्वतंत्र रूप से खुद रिबेरो से इस बात की पुष्टि की है कि पत्र उन्होंने ही भेजा था.
जूलियो रिबेरो ने अपने पत्र में कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा जैसे बीजेपी नेताओं का जिक्र किया है. वीडियो सबूत होने के बावजूद दिल्ली पुलिस का दावा है कि इन लोगों के खिलाफ असंज्ञेय अपराध नहीं पाया गया है.
'अन्यायपूर्ण' जांच की आलोचना करते हुए रिबेरो ने लिखा कि 'सच्चे देशभक्तों' को आपराधिक मामलों में उलझाया गया है.
हर्ष मंदर और प्रोफेसर अपूर्वानंद जैसे सच्चे देशभक्तों को आपराधिक मामलों में उलझाया गया है और ये चिंता का विषय है. पुलिस फोर्स और आईपीएस से आने वाली उसकी लीडरशिप का ये कर्तव्य है कि हम बिना किसी जाति, पंथ और राजनीतिक झुकाव को ध्यान में रखते हुए संविधान और कानूनों की इज्जत करें.”रिटायर्ड आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और उत्तर-पूर्वी जिले की पुलिस ने दंगों के संबंध में 100 से ज्यादा चार्जशीट दाखिल की हैं और 1400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है.
दिल्ली पुलिस की दंगों में जांच पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बीच हाल ही में एक चार्जशीट में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, इकनॉमिस्ट जयती घोष, डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद और डॉक्युमेंट्री फिल्ममेकर राहुल रॉय का नाम आया है.
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