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दिल्ली: 2021 में 1239 लोगों की हुई सड़क हादसों में मौत, सबसे ज्यादा पैदल यात्री

दिल्ली में 87 ऐसी जगहें हैं जहां सबसे ज्यादा होते हैं हादसे

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दिल्ली (Delhi) की सड़कों पर शाम 7 बजे से लेकर तड़के 2 बजे तक सावधान रहिएगा क्योंकि यही वो समय है जब यहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. इसके साथ ही 87 ऐसे प्वाइंट्स हैं जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. दिल्ली रोड 2021 क्रैश रिपोर्ट (Delhi Road Crash Report) में दिल्ली में होने वाले हादसों के बारे में कई अहम जानकारियां हैं, जो दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले हर शख्स को जानना जरूरी है.

ज्यादातर दुर्घटनाओं के शिकार दिल्ली में पैदल चलने वाले व्यक्ति हुए हैं. उसके बाद दूसरे नंबर पर रोड एक्सीडेंट के शिकार सबसे ज्यादा स्कूटी और बाइक वाले है. इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदु आपको बताते हैं.

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रिपोर्ट के मुख्य बिंदु 

  • 2021 में, 4,720 सड़क दुर्घटनाओं में दिल्ली में 1,239 लोग मारे गए और 4,273 लोग घायल हुए.

  • दिल्ली में 2020 की तुलना में घातक दुर्घटनाओं में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

  • कुल दुर्घटनाओं में 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, हालांकि प्रति 1,00,000 जनसंख्या पर मृत्यु दर समान बनी हुई है.

  • पैदल चलने वाले सबसे ज्यादा इन दुर्घटनाओं के शिकार हुए हैं. साल 2021 में सड़क दुर्घटना में मारे गए कुल व्यक्तियों में 40.7 प्रतिशत पैदल यात्री थे.

  • स्कूटर/मोटरसाइकिल सवार दूसरे सबसे कमजोर टारगेट थे और इनकी संख्या मारे गए कुल व्यक्तियों की 38.1 प्रतिशत है.

  • 2021 में, कार/टैक्सी के कारण 176 घातक दुर्घटनाएं हुईं, जो कुल घातक दुर्घटनाओं का 15 प्रतिशत है. इसके बाद हैवी ट्रांसपोर्ट विकल (HTVs) 145 घातक दुर्घटनाओं (12%) के साथ दूसरे नंबर पर हैं.

  • स्कूटर/मोटरसाइकिल सवार दूसरे सबसे कमजोर टारगेट थे और इनकी संख्या मारे गए कुल व्यक्तियों की 38.1 प्रतिशत है.

  • 2021 में, कार/टैक्सी के कारण 176 घातक दुर्घटनाएं हुईं, जो कुल घातक दुर्घटनाओं का 15 प्रतिशत है. इसके बाद हैवी ट्रांसपोर्ट विकल (HTVs) 145 घातक दुर्घटनाओं (12%) के साथ दूसरे नंबर पर हैं.

  • दिन और रात के दौरान क्रैश की केटेगरी से पता चला है कि 2021 में, दिन में 561 घातक दुर्घटनाएं हुई थीं. जबकि रात में कम वाहन होने के बावजूद रात में 645 घटनाएं हुई थीं.

  • सप्ताह के सभी दिनों में शाम 07 बजे के बाद तड़के 02 बजे तक होने वाली घातक दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है. कमर्शियल वाहनों को भी इस अवधि के दौरान सड़कों पर चलने की अनुमति मिलती है क्योंकि प्रतिबंध "नो एंट्री" की इस बीच में छूट होती है.

  • 2021 में तीन मानदंड के मुताबिक दिल्ली में 87 क्लस्टर पॉइंट्स को क्रैश प्रोन जोन के रूप में रेखांकित किया गया था. द आउटर रिंग रोड (18), रिंग रोड (14), जीटीके रोड (8), वजीराबाद रोड (6) और NH-24 (5) में औरो से ज्यादा खतरनाक खंड हैं.

  • 2021 में 13,23,556 मौके पर चालान (spot challan) (1,78,634 कंपाउंडेड और 11,44,922 कोर्ट में) और 65,69,985 नोटिस (8,02,552 कंपाउंडेड और 41,71,650 कोर्ट को) जारी किए गए और कंपाउंडिंग रुपये की राशि 9,79,80,500/- और रु. 71,82,19,300/- क्रमशः वसूल किया गया है.

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