दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ (DUSU) चुनाव में 22 सितंबर को वोट डाले गए. देश भर में कोरोना महामारी से जुड़े प्रतिबंधों की वजह से तीन साल के गैप के बाद चार सदस्यीय संघ के लिए चुनाव हो रहे हैं.
इस साल जो प्रमुख संगठन मैदान में हैं, उनमें आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विश्व परिषद (ABVP), कांग्रेस के नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) जैसे नाम शामिल हैं.
द क्विंट ने DUSU अध्यक्ष पद के लिए लड़ रहे चार प्रमुख उम्मीदवारों से मुलाकात की और उनसे DU छात्रों से किए गए वादों के बारे में पूछा.
उम्मीदवार 1: ABVP के तुषार डेढ़ा
एबीवीपी से 25 वर्षीय तुषार डेढ़ा चुनाव लड़ रहे हैं, जो वर्तमान में डीयू में बौद्ध स्टडीज में एमए कर रहे हैं. पूर्वोत्तर दिल्ली के गोंडा गांव के रहने वाले डेढ़ा 2015 से एबीवीपी का हिस्सा हैं और उनकी छात्र राजनीति में गहरी रुचि है.
उन्होंने कहा, "स्कूल के दिनों से ही छात्र राजनीति में मेरी रुचि थी क्योंकि मैं अपने भाई को डीयू की राजनीति में शामिल होते हुए देखकर बड़ा हुआ. मैंने 2020 में अपने पिता को खो दिया और मेरी मां घर का काम देखती हैं."
छात्रों के मुद्दों को उठाने के अपने जुनून के साथ-साथ तुषार का लक्ष्य रिसर्च में अपना करियर बनाना भी है.
घोषणापत्र के वादे: एबीवीपी ने सोमवार, 18 सितंबर को 'वूमेनिफेस्टो' शीर्षक से अपना 21-सूत्रीय घोषणापत्र जारी किया, जिसमें यह बातें शामिल हैं:
एक कोर्स, एक फीस
विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए विशेष बसें
एससी/एसटी/ओबीसी छात्रवृत्ति में वृद्धि
मेट्रो रियायती पास
नये हॉस्टल्स का निर्माण
उम्मीदवार 2: AISA की आयशा अहमद खान
20 वर्षीय आयशा अहमद खान मिरांडा हाउस से इंग्लिश ऑनर्स सेकंड ईयर की स्टूडेंट हैं. बिहार की मूल निवासी आयशा अपने परिवार की पहली महिला हैं जिन्होंने डीयू में पढ़ाई की है.
"मेरे पिता एक पत्रकार हैं और मेरी मां एक गृहिणी हैं. मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाली अपने परिवार की पहली लड़की हूं. मेरी हमेशा से राजनीति में रुचि रही है और मुझे हमेशा अपने परिवेश के बारे में जागरूक रहना और चीजों पर सवाल उठाना सिखाया गया है."आयशा
बचपन से ही एक शौकीन पाठक के रूप में, आयशा एक पब्लिशिंग हाउस में एडिटर बनने का सपना देखती हैं.
घोषणापत्र के वादे: AISA ने मंगलवार, 19 सितंबर को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें फीस बढ़ोत्तरी, इंटरनल असेसमेंट के स्कीम को वापस लेने और छात्रों के लिए मुफ्त मेट्रो पास जैसे मुद्दों को उठाने का वादा किया गया.
AISA के मुख्य वादे इस प्रकार हैं:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत फोर ईयर अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) को वापस लेना
कोई शुल्क वृद्धि नहीं
स्टूडेंट्स के लिए मेट्रो का रियायती पास
यौन उत्पीड़न के विरुद्ध जेंडर सेंसिटिव समिति
QUEER-सकारात्मक कॉउंसलिंग
आयशा ने द क्विंट को बताया, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की शुरुआत के साथ, डीयू ने छात्रों पर फोर ईयर अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) जैसी नीतियां थोपी हुई देखी हैं. NEP 2020 के परिणामस्वरूप विभिन्न कॉलेजों में भारी फीस बढ़ोत्तरी हुई और छात्रों के लिए हॉस्टल की कमी के मुद्दे को हल करने में विफल रहा है. FYUP में बदलाव करना हमारा मुख्य वादा है."
प्रत्याशी 3: NSUI के हितेश गुलिया
कांग्रेस समर्थित NSUI का प्रतिनिधित्व हितेश गुलिया कर रहे हैं. लॉ सेंटर-I के अंतिम वर्ष के छात्र, गुलिया ने शहीद भगत सिंह कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है.
घोषणापत्र के वादे: NSUI ने दो घोषणापत्र जारी किए: एक दस सूत्री सामान्य घोषणापत्र और महिलाओं पर केंद्रित पांच सूत्री दूसरा घोषणापत्र:
1. हिंसा मुक्त कैंपस
2. कोई फीस बढ़ोत्तरी नहीं
3. उत्पीड़न, मोरल पुलिसिंग आदि के मामलों में कानूनी सहायता
4. हर सेमिस्टर 12 दिनों तक मेंस्टुर्ल लीव
5. चौबीसों घंटे चलने वाली लाइब्रेरी
उम्मीदवार 4: SFI से आरिफ सिद्दीकी
एसएफआई (SFI) का प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश के उमरान गांव के रहने वाले 21 वर्षीय आरिफ सिद्दीकी कर रहे हैं. आरिफ एक किसान के बेटे हैं. वो डीयू में बौद्ध अध्ययन में मास्टर्स कर रहे हैं और भारतीय सेना में सेवा करने का सपना देखते हैं.
सिद्दीकी ने बताया, "2019 डूसू चुनावों का गवाह बनने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि यूनियनों ने छात्रों के मुद्दों के लिए लड़ना बंद कर दिया है. इसलिए, मैंने लड़ने और उन छात्रों का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया, जो भारत भर के टियर -2 शहरों से निम्न-आर्थिक बैकग्राउंड से आते हैं."
एसएफआई के प्रमुख वादे यह हैं:
छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास
धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए DUSU और कॉलेज यूनियनों द्वारा प्राप्त सभी फंड्स का सार्वजनिक बंटवारा
FYUP को वापस लें
प्रत्येक को-एड कॉलेज में दो हॉस्टल - एक लड़कों के लिए और एक लड़कियों के लिए
सभी आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों और SC/ST छात्रों को छात्रवृत्ति का प्रावधान
पिछले चार बार से डूसू में पदों को लेकर खींचतान एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच रही है. एबीवीपी ने 2016, 2018 और 2019 में अध्यक्ष की सीट हासिल की, जबकि एनएसयूआई ने 2017 में जीत हासिल की.
एक अधिसूचना में, डूसू के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) चंद्र शेखर ने कहा कि वोटिंग का समय मॉर्निंग क्लासेज के लिए सुबह 8.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और इवनिंग क्लासेज के लिए दोपहर 3.00 बजे से शाम 7.30 बजे तक है. सीईओ ने कहा, कॉउंटिंग शनिवार 23 सितंबर को सुबह 8 बजे शुरू होगी.
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