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दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत, 30 लोगों का ये है नाम-पता

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 34 मौतें हुईं

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दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 34 मौतें हुईं, लोक नायक अस्पताल से तीन और जगप्रवेश चंद्र अस्पताल में एक की मौत हुई. फिलहाल 42 में से सिर्फ 30 लोगों की पहचान हो पाई है. अस्पतालों की तरफ से अब तक पंद्रह पोस्टमार्टम किए गए हैं.

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1. शाहिद अलवी, 24- मुस्तफाबाद

बुलंदशहर से मूल निवासी अल्वी की सोमवार शाम पेट में गोली लगने से मौत हो गई. अल्वी ऑटोरिक्शा चालाते थे. चार महीने पहले उनकी शादी हुई थी. उनकी पत्नी शाजिया गर्भवती हैं.

2. दीपक, 34 साल- मंडोली

दीपक झिलमिल के एक निजी कारखाने में काम करते थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटे और बेटी हैं. उन्हें सर में गोली लगी थी.

3. मोहम्मद इरफान, 32

इरफान एक मजदूर थे. उनके पीछे अब उनकी पत्नी और दो बच्चे बचे हैं. जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर उनकी मां खुरेशा (57) रोना बंद नहीं कर सकती थीं। इरफान के भाई मोहम्मद फुरकान ने कहा, ''वो हर महीने 8,000 रुपये कमाते ते. अब उनके परिवार की देखभाल कौन करेगा?”

4. मोहम्मद मुदस्सिर, 30 साल

मुदस्सिर ऑटो चलाया करता था, उनके दो बच्चे हैं.

5. अलोक तिवारी, 24

हरदोई के मूल निवासी, तिवारी एक गत्ता कारखाने में काम करते थे और अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ करावल नगर में रहते थे.

6. इश्तियाक खान, 24

इश्तियाक कर्दमपुरी के निवासी थे और पोर्टेबल वेल्डिंग मशीन बनाते थे. अपने पीछे वो पत्नी, डेढ़ साल का बीटा और तीन साल की बेटी को छोड़ गए हैं. इश्तियाक को पेट में गोली मारी गई थी.

7. मुबारक अली, 35

मुबारक पेंटर के तौर पर काम करते थे और उनकी एक पत्नी और तीन बच्चे हैं. उनके भतीजे ने बताया, "मुबारक भजनपुरा से अपने काम से लौट रहे थे. हम उन्हें तीन दिन तक ढूंढ नहीं पाए."

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8. राहुल ठाकुर, 23

राहुल सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे थे. वो अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं. राहुल को सीने में गोली मारी गई थी. उनके पिता एक RPF अफसर हैं.

9. सुलेमान, 22

सुलेमान हापुड़ के निवासी थे और एक लोहार हैं. वो 24 फरवरी से गायब थे. उनके बड़े भाई यूनुस 27 फरवरी को GTB अस्पताल में शिनाख्त करने पहुंचे थे.

10. अंकित शर्मा, 25

अंकित इंटेलिजेंस ब्यूरो में सिक्योरिटी असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे. शर्मा के गायब होने के एक दिन बाद उनकी बॉडी को चांद बाग के एक नाले से निकाला गया था.

11. मोहम्मद शाहबान, 22-मुस्तफाबाद

शाहबान अपनी वेल्डिंग की दुकान बंद कर रहे थे, जब उन्हें गोली मार दी गई. उनके परिवार के मुताबिक, भीड़ ने उनकी दुकान भी जला दी.

12. संजीत ठाकुर, 32

संजीत एक वेल्डिंग यूनिट में काम करते थे और उनके परिवार में 2 बच्चे और पत्नी हैं. वो खजूरी के निवासी थे. संजीत घर लौट रहे थे, जब चांद बाग में उन्हें पत्थर मारे गए.

13. रतन लाल, 42

राजस्थान के सीकर के निवासी रतन लाल ने 1998 में कांस्टेबल के पद पर दिल्ली पुलिस ज्वॉइन की थी. वो मौजूद समय में गोकलपुरी में ACP ऑफिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. उनके परिवार में 3 बच्चे और पत्नी हैं.

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14. अकबरी, 85

अकबरी के गमरी गांव स्थित घर में आग लगा दी गई थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. उनका बेटा मोहम्मद सईद सलमानी घर के पहले दो फ्लोर पर गारमेंट वर्कशॉप चलाता है.

15. अनवर, 58

शिव विहार के निवासी अनवर एक पोल्ट्री फार्म चलाते थे. उनके परिवार में 2 बेटियां और पत्नी हैं. उनके रिश्तेदार सलीम कसर ने बताया कि अनवर की बॉडी जली हुई थी और पहचान करना मुश्किल था.

16. दिनेश कुमार, 35

दिनेश ड्राइवर थे और उनके परिवार में 2 बच्चे और पत्नी हैं. दिनेश के भतीजे आशीष ने बताया कि वो करीब 7-8 घंटे वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे.

17. आमिर (30), 18. हाशिम (17)

आमिर और हाशिम दोनों भाई थे और पुराने मुस्तफाबाद के निवासी थे. दोनों ही 26 फरवरी से गायब थे.

19. मुशर्रफ, 35

मुशर्रफ यूपी के बदायूं के रहने वाले थे. उन्हें गोकुलपुरी में भीड़ के एक समूह ने नाले में फेंक दिया था. उनके परिवार में 3 बच्चे और पत्नी हैं. वो कर्दमपुरी में ड्राइवर का काम करते थे.

20. विनोद कुमार, 50

अरविन्द नगर के निवासी विनोद कुमार के परिवार में 2 बेटे और पत्नी हैं. जब भीड़ ने विनोद पर हमला किया था, तब उनके बड़े बेटे नितिन कुमार साथ थे.

21. वीर भान, 48

वीर भान एक बिजनेसमैन थे और उन्हें 24 फरवरी को करावल नगर में गोली मारी गई थी.

22. जाकिर, 26

बृजपुरी निवासी जाकिर एक वेल्डर थे. वो 25 फरवरी की शाम मारे गए थे. उनके सर में गोली मारी गई थी और पेट पर कई घाव थे.

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23. अशफाक हुसैन, 22

हुसैन एक इलेक्ट्रीशियन थे और उन्हें पांच गोली मारी गई थी. उनकी शादी 11 फरवरी को ही हुई थी.

24. परवेज आलम, 50

घोंडा निवासी परवेज को 25 फरवरी को गोली मारी गई थी. वो वजीराबाद में एक मोटर गेराज चलाते थे.

25. महताब, 21

महताब के मजदूर थे, जिन्हें 25 फरवरी को भीड़ ने मार दिया था. उनके परिवार ने GTB अस्पताल के बाहर बॉडी के लिए दो दिन इंतजार किया था.

26. मोहम्मद फुरकान, 32

यूपी निवासी फुरकान शादी के डब्बों की डिजाइनिंग करते थे. उनके परिवार में 2 बच्चे और पत्नी हैं.

27. राहुल सोलंकी, 26

सोलंकी सिविल इंजीनियरिंग कर रहे थे और एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. राहुल गोली लगने की वजह से मारे गए थे.

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28. अमान, 17

अमान को लोक नायक अस्पताल में लाया गया था. वकीलों के एक समूह का कहना है कि उसका परिवार सीलमपुर में प्रदर्शन का हिस्सा थी.

29. महरूफ अली, 30

अली भजनपुरा के रहने वाले थे. उन्हें सर में गोली मारी गई थी. अली की एक इलेक्ट्रिकल शॉप थी.

30. मोहम्मद युसुफ, 52

पुराने मुस्तफाबाद के रहने वाले यूसुफ एक बढ़ई थे. उनके सात बच्चे हैं. वो नोएडा से अपने घर लौट रहे थे जब उन पर हमला हुआ था.

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