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दिल्ली हिंसा: चश्मदीद का दावा-भीड़ का नेतृत्व कर रहा था BJP पार्षद

फरवरी में हुई दिल्ली हिंसा से जुड़ी कई शिकायतों की जानकारी द क्विंट के पास है

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"क ** ओं को, मुल्लों को निपटा दो'' आरोप है कि ये 'आदेश' नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के भागीरथी विहार में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान बीजेपी पार्षद कन्हैया लाल ने दिए थे. ये दावा दिल्ली पुलिस को दी गई शिकायत में इस इलाके के रहने वाले एक शख्स ने किया है. इस साल फरवरी में हुई दिल्ली हिंसा से जुड़ी कई शिकायतों की जानकारी द क्विंट के पास है. ये उन्हीं में से एक शिकायत है जो बीजेपी पार्षद कन्हैया लाल के खिलाफ दर्ज कराई गई थी.

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कई रसूखदार लोगों पर आरोप

ये शिकायतें ऐसे स्थानीय लोगों ने दर्ज कराई हैं जिनका दावा है कि रसूख वाले स्थानीय नेता हिंसा में शामिल रहे. इनमें से कई शिकायतों में बीजेपी नेताओं जैसे करावल नगर विधायक मोहन सिंह बिष्ट, मुस्तफाबाद से पूर्व विधायक जगदीश प्रधान, यूपी से विधायक नंद किशोर गुर्जर, दिल्ली बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और स्वयंभू हिंदुत्व नेता रागिनी तिवारी का जिक्र है.

द क्विंट अपनी पिछली रिपोर्ट्स में ये बता चुका है कि कैसे दिल्ली पुलिस की चार्जशीट से कपिल मिश्रा का नाम गायब है, मौजपुर में दी गई स्पीच गायब है. साथ ही हमने एक रिपोर्ट में चश्मदीद का दावा भी बताया था, जो दावा कर रहे थे कि खुद को हिंदूत्व नेता बताने वाली रागिनी तिवारी ने गोलियां चलाईं थीं और भीड़ को भड़काया था.

इन रिपोर्ट्स की सीरीज में अब द क्विंट के हाथ इस शिकायत का पूरा ब्योरा लगा है. जिसे भागीरथी विहार में रहने वाले शख्स ने दायर कराया था.

इस शिकायत में ईस्ट दिल्ली के जौहरीपुर से बीजेपी पार्षद कन्हैया लाल के दंगों में शामिल होने का दावा किया गया है, ये शिकायत गोकुलपुरी थाने में 11 मार्च को दर्ज कराई गई थी.
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भीड़ जय श्री राम, आग लगाओ-मारो चिल्ला रही थी

शिकायतकर्ता ने 24 फरवरी को हिंसा के पहले दिन भगवती विहार की गली नंबर 1/3 में जो देखा उसके बारे में बताया. उन्होंने बताया,

“24 फरवरी को मैं अपने घर पर था. लेकिन रात के करीब 9 बजे मैंने भीड़ का शोर सुना, जिसके बाद मैं देखने के लिए घर से नीचे उतरा. तब मैंने देखा कि शिव मंदिर पाल चौक की तरफ से करीब 100-150 लोग जय श्री राम का नारा लगाते हुए आ रहे थे और कह रहे थे कि क**ओं को सबक सिखाओ, आग लगाओ मारो.”
शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता के मुताबिक इस भीड़ के पास तलवारें, त्रिशूल, लंबी कुल्हाड़ी और पिस्तौल भी थी. उन्होंने बताया, “इसी दौरान मैंने योगेंद्र जींसवाला और पार्षद कन्हैया लाल को देखा, जो इस भीड़ को लीड कर रहे थे. कन्हैया लाल भीड़ को योगेंद्र जींसवाले की दुकान तक लाया और वो वहीं पर रुक गए. इसके बाद पूरी भीड़ ने जोर से नारे लगाने शुरू कर दिए.”

शिकायतकर्ता ने घटना को याद करते हुए बताया कि उस रात स्थानीय लोग अपने परिवार की सुरक्षा के लिए रातभर जागकर पहरा देते रहे.

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कन्हैया लाल तीन तरफ लाया भीड़- शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि 25 फरवरी को शाम करीब 6 बजे हमारी गली में योगेंद्र जींसवाला और कन्हैया लाल तीन तरफ से 100-150 लोगों की भीड़ को लाए. एक भीड़ पाल चौक की तरफ से आई, दूसरी 20 फुट गली नंबर 1/3 से आई और तीसरी भीड़ नाली की तरफ से वहां आई.

शिकायतकर्ता के मुताबिक भीड़ ने एक काले रंग के बैग में तलवारें, त्रिशूल, पेट्रोल बम और अन्य हथियार रखे थे. इसके बाद वो मस्जिद इलाके में आए और "जय श्री राम", "कपिल मिश्रा जिंदाबाद" और "जगदीश प्रधान जिंदाबाद" के नारे लगाने लगे.

इसी दौरान पार्षद कन्हैया लाल फोन पर बात कर रहा था और कह रहा था कि जगदीश प्रधान ने बोल दिया है कि क**ओं और मुल्लों को निपटा दो.

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इसके बाद शिव चरण के बेटे काले और मोहित ने पिस्तौल से फायरिंग शुरू कर दी. भीड़ ने पत्थरबाजी और पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर दिया. शिकायतकर्ता ने कहा कि पत्थरों और पेट्रोल बम के डर से वो अपनी छत की तरफ दौड़ा. जहां से उसने देखा कि जग्गी की छत पर करीब 25-30 लोग खड़े थे और पत्थर-पेट्रोल बम फेंक रहे थे. इसी दौरान वहां मस्जिद में आग भी लग गई. उन्होंने बताया,

“मैंने देखा कि मस्जिद से धुंआ निकल रहा है. लोग जग्गी के छत पर जमा हैं और कह रहे हैं कि मस्जिद को जला दो. क**ओं का काम तमाम कर दो, काट दो.”
शिकायतकर्ता

पुलिस पर भी आरोप

शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने पत्थर और पेट्रोल बम फेंक रहे कुछ स्थानीय लोगों की पहचान कर ली. इन सभी का नाम शिकायत में दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने आकर स्थानीय लोगों को धमकाया कि किसी एक घटना को लेकर शिकायत न करें, नहीं तो उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज कर लिया जाएगा.

हालांकि इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन पुलिस ने अब तक बीजेपी पार्षद को गिरफ्तार नहीं किया है. क्विंट ने आरोपी कन्हैया लाल को फोन और मैसेज करके इस केस को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. उनका जवाब आते ही स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

सुरक्षा कारणों के चलते और उनके कई बार कहने के बाद हमने शिकायत करने वाले शख्स का नाम सार्वजनिक नहीं किया है. अगर इसे लेकर पूछा जाता है तो हम पुलिस को शिकायतकर्ता का साइन किया गया स्टेटमेंट देने के लिए तैयार हैं.

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