उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी ने गुरुवार रात से अपनी जांच शुरू कर दी. बता दें कि इस एसआईटी का गठन गुरुवार को दोपहर बाद किया गया था.
एसआईटी गठित होने के बाद दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने सबसे पहले एक अपील जारी की.
आम-नागरिकों और मीडिया के नाम जारी अपील में कहा गया है कि जिसके पास भी इस हिंसा से संबंधित जो भी तस्वीरें, वीडियो फुटेज या फिर अन्य संबंधित सबूत हों, तो वो सात दिन के भीतर पुलिस को मुहैया कराके जांच में मदद करे.
तस्वीरें और वीडियो फुटेज उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी के सीलमपुर स्थित कार्यालय में जमा कराने होंगे. अपील में अनुरोध किया गया है कि 23 फरवरी 2020 को या फिर उसके बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में जो भी हिंसात्मक घटनाएं हुई हैं, उनसे संबंधित सबूत पुलिस तक पहुंचाने में विशेषकर मीडिया भी मदद करे. सबूत पुलिस के हवाले करने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी. अगर कोई इन हिंसक घटनाओं के बारे में गवाही देना चाहता हो तो उसे भी पुलिस गुप्त रखेगी.
गठित एसआईटी में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा में तैनात आठ एसीपी शामिल किए गए हैं. ये सभी आठ एसीपी अपराध शाखा के डीसीपी ज्वॉय टिर्की और राजेश देव को रिपोर्ट करेंगे, जबकि एसआईटी का नेतृत्व दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी के कंधों पर होगा.
गुरुवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस को यह जानकारी दिल्ली पुलिस मुख्यालय की सहायक पुलिस आयुक्त ऋतंभरा प्रकाश द्वारा जारी आदेश से मिली. आदेश में कहा गया है कि गठित एसआईटी को दो हिस्सों में रखा गया है. इन दोनों हिस्सों में 4-4 एसीपी रखे गए हैं. हर एसीपी को तीन इंस्पेक्टर, 4 सब इंस्पेक्टर और तीन हवलदार-सिपाही मुहैया कराए गए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)