देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में नवंबर के महीने प्रदूषण रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के लिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले सात सालों में सबसे खराब थी, जिसमें 11 दिनों में "गंभीर" वायु प्रदूषण देखा गया था और एक "अच्छा" वायु गुणवत्ता का दिन नहीं था
11 दिन हवा बेहद जहरीली रही, इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के अंक से ऊपर रहा. जबकि, पूरे महीने का औसत सूचकांक 376 के अंक पर रहा. जो सबसे ज्यादा है.
एक्सपर्ट इसकी वजह रिकॉर्ड बारिश भी बता रहे हैं, उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी देर से हुई, इसके चलते पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने का काम भी देरी से हुआ और साथ ही दिवाली के दौरान पटाखों की वजह से भी प्रदूषण बढ़ा
सीपीसीबी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एआईसीआई) का 30 दिनों का औसत 376 था, , 2018 में 335, 2016 में 361, 2016 में 374, और 2015 में 358, 2015 में 358, था.
जीरो और 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 और 100 "संतोषजनक", 101 और 200 "मध्यम", 201 और 300 "खराब", 301 और 400 "बहुत खराब", और 401 और 500 "गंभीर" माना जाता है.
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