दिल्ली के सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को पत्नी की निर्मम हत्या का दोषी मानते हुए देहरादून स्थानीय कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. ये मामला पिछले 7 साल से स्थानीय कोर्ट में चल रहा है.
अक्टूबर, 2010 में हुए इस हादसे ने सबको झकझोर कर दिया था. ये हत्याकांड ‘डीप फ्रीजर हत्याकांड’ नाम से कुख्यात था. दोषी राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या कर उसके शव को कई टुकड़ों में काटकर फ्रीजर में छिपा दिया था.
कोर्ट ने गुलाटी को धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (सबूत छुपाने) के तहत दोषी ठहराया है. कोर्ट ने राजेश गुलाटी को उम्रकैद की सजा के अलावा 15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इसमें से 14.30 लाख रुपये की दंपति के नाबालिग बच्चों के नाम की एफडी बनायी जायेगी. बाकी 70 हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं.
बता दें कि मामले में अंतिम बहस 18 अगस्त को पूरी हुई थी. इस मामले में दंपति के घटना के समय चार साल की उम्र के रहे जुड़वां बच्चों की गवाही भी हुई थी.
गुलाटी ने की थी निर्मम हत्या
राजेश की प्रेमिका को लेकर दंपति के बीच अक्सर झगड़े होते थे. 17 अक्टूबर, 2010 की रात को दोनों में झगड़े के दौरान अनुपमा का सिर पलंग से टकरा गया और वह बेहोश हो गयी जिसके बाद राजेश ने तकिये से गला दबा कर उसकी हत्या कर दी.
इस हत्याकांड का खुलासा 11 दिसंबर, 2010 को घटना के करीब दो माह बाद हुआ था, जब डीपफ्रीजर से अनुपमा के शव के कुछ टुकड़े बरामद हुए. हत्या के अगले दिन राजेश ने डीपफ्रीजर खरीदा और उसमें अनुपमा की लाश को छुपा दिया. बाद में उसने एक आरी से अनुपमा के शव को काट दिया और उन्हें पॉलीथीन में भरकर धीरेधीरे मसूरी रोड पर नाले में फेंकता रहा.
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