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डेल्टा प्लस वेरिएंट का इम्युनिटी और एंटीबॉडी पर पड़ेगा असर- IGIB  

Delta Plus Variant पर वैक्सीन का कितना असर होगा?

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देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. सरकार ने जानकारी दी है कि अब तक भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले सामने आ चुके हैं. अब इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB)ने बताया है कि भले ही डेल्टा प्लस फैलने के मामले में महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है, लेकिन इसे लेकर चिंता बनी रहेगी क्योंकि यह वैरिएंट एंटीबॉडी और इम्यूनिटी पर भी असर डालेगा.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट, अल्फा वैरिएंट की तुलना में अधिक शक्तिशाली है. हाल ही में, डेल्टा प्लस को केंद्र द्वारा वीओसी (चिंता का कारण) के रूप में भी टैग किया गया है.

IGIB के निदेशक डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "अब तक की खोज डेल्टा प्लस, डेल्टा के समान ही दिखती है. अगर डेल्टा चिंता का कारण है, तो डेल्टा प्लस भी चिंता का विषय है.”

डॉ अग्रवाल ने कहा,

“फिलहाल डेल्टा प्लस फैलने के मामले में महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है, लेकिन इम्यूनिटी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है या एंटीबॉडी प्रतिक्रिया के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.”

अग्रवाल बताते हैं कि देश भर में अब तक करीब 50,000 जीनोम सीक्वेंसिंग की जा चुकी है.

इसकी गंभीरता के बारे में पूछे जाने पर, डॉक्टर अग्रवाल ने कहा,

”(डेल्टा) प्लस का मतलब एक नया म्यूटेशन है और अधिक खतरनाक नहीं है और इसकी जांच की जा रही है. डेल्टा प्लस को डेल्टा से अधिक खतरनाक नहीं माना जाता है. दुनिया के हिसाब से, यह एक है चिंटा का विषय है. आने वाले महीनों में मामलों को बढ़ने पर ही यह पता चलेगा, हालांकि, पब्लिक हेल्थ रिस्पॉन्स सही होनी चाहिए, लोगों को सावधान करना चाहिए और इसे फिलहाल चिंता के विषय के रूप में माना जाना चाहिए.”

डेल्टा प्लस वेरिएंट पर वैक्सीन का कितना असर

डेल्टा प्लस वैरिएंट पर वैक्सीन के असर के बारे में बात करते हुए डॉक्टर अग्रवाल ने कहा, "सभी टीकों ने सभी वेरिएंट के लिए गंभीर बीमारी के खिलाफ कमी दिखाई है."

हालांकि, एक्सपर्ट ने आगाह किया है कि कोरोना के मामलों को और कम करने के लिए अभी भी कोविड गाइडलाइन को फॉलो करने की जरूरत है.

डॉक्टर अग्रवाल ने कहा, "हमारे पास अभी भी एक दिन में 50,000 मामले हैं. आने वाली पीढ़ियों के लिए वैक्सीन थोड़ा बदल सकता है लेकिन मास्क लगाना होगा और भीड़ कम रखनी होगी."

बता दें कि अब तक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में नए डेल्टा प्लस वैरिएंट की वजह से मौतों की खबर मिली है.

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