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बिहार से पक्ष-विपक्ष दोनों की मांग-दिल्ली से भी चले स्पेशल ट्रेन

देश भर में बंदी की वजह से बड़े पैमाने पर बिहार के लोग जहां-तहां फंसे पड़े हैं. 

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भारत
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देश भर में बंदी की वजह से बड़े पैमाने पर बिहार के लोग जहां-तहां फंसे पड़े हैं. इस बीच रेलवे द्वारा देश के विभिन्न भागों से लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है. इसको देखते हुए बिहार की कई राजनीतिक पार्टियों ने केन्द्र और बिहार सरकार से मांग की है कि दिल्ली से स्पेशल ट्रेनों को तुंरत चलाया जाए, ताकि फंसे पड़े लोग घर पहुंच सकें.

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पक्ष-विपक्ष सबकी एक ही है मांग

खास बात यह कि विपक्षी पार्टियों की इस मांग के साथ जेडीयू भी खड़ी दिख रही है. बिहार में महागठबंधन के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा, "जो स्थिति सूरत में प्रवासी लोगों की सामने आई है, दिल्ली में उस से बद्तर स्थिति है." उन्होंने कहा कि

“कुछ राज्य अपने-अपने लोगों को अन्य प्रदेशों से निकाल रहे हैं, फिर दिल्ली से लोगों को ले जाने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है. क्या बिहार सरकार के लिए कुछ और नियम हैं. दिल्ली से जो लोग जाना चाहते हैं, उन्हें केन्द्र और बिहार सरकार ले जाने की व्यवस्था करें.”

शरद यादव ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार लॉकडाउन लगाने से पहले ही चार-पांच दिनों का लोगों को मौका देती तो यह समस्या होती ही नहीं.

RLSP का क्या कहना है?

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनन्द ने कहा, "दिल्ली में अकेले 5 से 7 लाख लोग फंसे हैं. इनकी दयनीय स्थिति है. कहने को राहत पहुंचाया जा रहा है. उनके लिए तुंरत दिल्ली एनसीआर से निकलने की व्यवस्था हो."

उन्होंने कहा कि "पहले ही लगभग 3 लाख लोग पैदल, बसों और अपने-अपने साधनों से बिहार पहुंच गए हैं. बिहार सरकार और केन्द्र सरकार मिलकर इस समस्या का समाधान निकाले. दिल्ली से स्पेशल ट्रेनों को चलाया जाए."

‘बिहार के मजदूरों का दिल्ली में गुजारा मुश्किल’

जेडीयू नेता अफजल अब्बास ने भी दोनों नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए दिल्ली से दिहाड़ी मजदूरों, गरीबों को बिहार ले जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि "बिहार और केंद्र सरकार इस पर ध्यान दें. गृह मंत्रालय के आदेश के आलोक में यह किया जा सकता है. दिल्ली में इन तबकों की माली हालत बहुत ही खराब है. दिन में एक बार भोजन दिया जा रहा है. ऐसे में गुजारा करना मुश्किल है."

बता दें कि दिल्ली में तकरीबन 5 से 7 लाख लोग ऐसे हैं, जो दिल्ली में दिहाड़ी पर काम करते हैं या अन्य व्यवसाय में काम करते हैं. बंदी की वजह से इन लोगों को काफी मुश्किलों का सामना कर पड़ रहा है. हालांकि गृह मंत्रालय ऐसे लोगों को निकाले जाने के लिए गाड़ियों के परिचालन को मंजूरी दे रही है. लिहाजा बिहार सरकार पर अब तमाम राजनीतिक पार्टियों का दबाव बढ़ने लगा है.

दिल्ली सरकार का क्या कहना है?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक मई को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रवासी कामगारों, छात्रों को अपने-अपने राज्यों मे भेजने को लेकर दिल्ली सरकार, अभी सभी राज्य सरकारों से बात चल रही है, जो भी फैसला होगा वो खुद सामने आकर बताएंगे, साथ ही साथ केजरीवाल ने लोगों से सब्र बनाए रखने की अपील भी की.

(इनपुट-IANS से भी)

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