आज मतलब 8 नवंबर को नोटबंदी के दो साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को लोगों के लिए एक जख्म बताया. मनमोहन सिंह ने कहा, “नोटबंदी ने हर उम्र, लिंग, धर्म, व्यवसाय या पंथ के लोगों पर असर डाला है. अक्सर यह कहा जाता है कि समय हर घाव को भर देता है, लेकिन दुर्भाग्य से नोटबंदी के मामले में ये निशान और घाव वक्त के साथ और ज्यादा दिखाई दे रहे हैं.”
मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा,
आज नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में किए गए दुर्भाग्यपूर्ण और बिना सोचे किए गए नोटबंदी का दो साल पूरा हो चुका है. भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में जो अफरातफरी फैली थी वह अब साफ दिखाई दे रही है.
“स्मॉल और मीडियम बिजनेस अब भी नोटबंदी के झटके से उबर नहीं पाए”
मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी ने स्मॉल और मीडियम बिजनेस अब भी नोटबंदी के झटके से उबर नहीं पाए हैं. उन्होंने कहा, “नोटबंदी के बाद जीडीपी ग्रोथ के प्रमुख आंकड़े में बड़ी गिरावट के अलावा नोटबंदी के गंभीर परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव स्मॉल और मीडियम बिजनेस को नोटबंदी के झटकों से उबरना अब भी बाकी है. इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा है, क्योंकि अर्थव्यवस्था हमारी युवा आबादी के लिए जरूरत के हिसाब से नई नौकरियां पैदा करने में अब भी संघर्ष कर रही है.”
नोटबंदी से क्या फायदा हुआ?
मनमोहन सिंह ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल मार्केट में कैश की दिक्कत का जिम्मेदार भी नोटबंदी को ही बताया. उन्होंने कहा,
फाइनेंशियल मार्केट में उथल-पुथल मची है, क्योंकि नोटबंदी की वजह से बढ़े कैश की कमी से इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लोन देनेवालों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों पर गहरा झटका लगा है. नोटबंदी कितना घातक कदम था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो साल बाद लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि असल में इसका कहां-कहां और क्या असर हुआ.
मनमोहन सिंह का सुझाव
इस मौके पर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि इन तथ्यों को देखते हुए गैर-पारंपरिक, तुरंत फायदे की आर्थिक पहल नहीं करें, जिससे अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों में अनिश्चतता का माहौल गहरा हो. उन्होंने कहा, "मैं सरकार से आर्थिक नीतियों में पारदर्शिता लाने की अपील करता हूं."
कांग्रेस पार्टी देश भर में करेगी विरोध प्रदर्शन
मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस पार्टी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को जोरदार तरीके से फेल बता रही है. कांग्रेस ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर हैशटैग #NotebandiKiDoosriBarsi (नोटबंदी की बरसी) से कई ट्वीट किए है. नोटबंदी की देश को कितनी कीमत चुकानी पड़ी, इस बात को ट्वीट के जरिए कांग्रेस ने बताते हुए लिखा है,
नोटबंदी ने 35 लाख नौकरियां छीनीं, 1.5 करोड़ लेबर फोर्स का नुकसान किया और देश की जीडीपी को 1.5 प्रतिशत का नुकसान हुआ. आठ हजार करोड़ नोटों की छपाई पर खर्च हुए. वहीं पीएम मोदी के नोटबंदी स्टंट ने 105 जानें लीं.
कांग्रेस ने एक व्यंग्य के जरिए लिखा है, "न काले धन पर लगी लगाम,नकली मुद्रा-टेरर फंडिंग जारी है.नोटबंदी का सच जनता ने जाना, भुगतान की अब तुम्हारी बारी है."
मोदी सरकार को देश माफी मांगनी चाहिए- कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार से कहा है कि वो नोटबंदी के नाकामयाबी के लिए देश की जनता से माफी मांगे. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दो साल पहले नोटबंदी के तुगलकी फरमान से देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह करने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे.
पीएम मोदी के तुगलकी फरमान के लिए तीन कारण दिए गए थे कि इससे काले धन पर रोक लगेगी, जाली मुद्रा बाहर होगी और आतंकवाद को वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाएगी, लेकिन दो साल बाद इनमें से कोई लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया.
ममता बनर्जी ने कहा- काला दिन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने ट्वीट कर नोटबंदी के फैसले को गलत ठहराया है. ममता ने ट्वीट में लिखा है. 'नोटबंदी आपदा की आज दूसरी सालगिरह है. इसे लागू करने के वक्त मैंने इसके दुष्परिणाम बताए थे, अब बड़े अर्थशास्त्री, आम लोग और जानकार भी मेरी कही बातों पर सहमति जता रहे हैं.' पश्चिम बंगाल की सीएम ने अपने इस ट्वीट के साथ #DarkDay लिखा है.
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था. नोटबंदी के इस ऐलान के बाद देश में अफरातफरी का माहौल रहा और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं. बाद में सरकार ने 500 और 2000 के नए नोट जारी किए.
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