जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला करीब 8 महीने बाद हिरासत से रिहा हो गए हैं. आर्टिकल 370 के प्रावधान खत्म करने के केंद्र सरकार के पिछले साल अगस्त के फैसले के बाद से ही उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया था.
बता दें कि पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा था कि वे अगले हफ्ते बताएं कि क्या जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है.
जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा था कि अगर अब्दुल्ला को जल्द रिहा नहीं किया गया तो वो इस नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगी.
सारा अब्दुल्ला पायलट ने अपनी याचिका में जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उमर अब्दुल्ला को नजरबंद करने के आदेश को चुनौती दी थी.
उन्होंने कहा था कि वह अपने भाई के सत्यापित फेसबुक अकाउंट की छानबीन करने पर यह देखकर हैरान रह गईं कि जिस सोशल मीडिया पोस्ट को उनका (उमर का) बताया गया और दुर्भावनापूर्ण तरीके से जिसका उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया, वो उनका नहीं है.
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