मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर से बरामद हुए 197 करोड़ रुपए टर्नओवर है इसलिए टैक्स और फाइन का पैसा काट कर पीयूष जैन को बाकी पैसा वापस मिल जाएगा. लेकिन अब डीजीजीआई (DGGI) ने इन खबरों का सिरे से खंडन किया है.
डीजीजीआई ने प्रेस रीलीज जारी कर कहा, ये रिपोर्टें बिना किसी आधार के पूरी तरह से अटकलें हैं जो फिलहाल चल रही जांच को कमजोर करने का प्रयास करती हैं.
इससे पहले मीडिया में चर्चा थी कि पीयूष जैन के परिसर से बरामद 197 करोड़ रुपये की नकदी को कारोबार का टर्नओवर माना जाएगा और पीयूष से 52 करोड़ रुपये का कर और जुर्माना चुकाकर बाकी पैसा वापस हो सकता है लेकिन डीजीजीआई ने अब कहा है कि कर देनदारियों को लेकर निर्णय होना बाकी है.
इस बीच, डीजीजीआई के वकील ने दावा किया कि है पीयूष जैन के घर से बरामद हुए रुपए कर चोरी का हिस्सा हैं.
डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने कहा कि, "सालों से बिना बिल और चालान के चोरी-छिपे खरीद-फरोख्त की जा रही थी, प्रथम दृष्टया लगता है कि 31.5 करोड़ रुपये की कर देनदारी बनती है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी कर देनदारी बढ़ेगी. उन्होंने कर चोरी की बात स्वीकार की है."
पीयूष जैन के वकील सुधीर मालवीय ने बताया कि अदालत ने जीएसटी अधिनियम की संबंधित धारा के तहत डीजीजीआई के रिमांड की रिमांड को स्वीकार करने के बाद पीयूष जैन को उनकी गिरफ्तारी के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
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