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क्या BJP ने शशिकला को पैसा या पॉवर चुनने के लिए मजबूर किया?

3 मार्च को जयललिता की पूर्व सहयोगी शशिकला ने राजनीति और सार्वजनिक जीवन से संन्यास की घोषणा की

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भारत
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शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण की संपत्ति पिछले 10 सालों में 3 गुना हो गई. AIADMK के विधायक और वर्तमान में AMMK के अध्यक्ष दिनाकरण की प्रॉपर्टी 3.48 करोड़ से 11.19 करोड़ रुपए हो गई है.

2007 से 2017 तक, दिनाकरण की देनदारी भी 36.47 लाख से कई गुना बढ़कर 5.55 करोड़ हो गई. द क्विंट को दिनाकरण की घोषित संपत्ति का विवरण मिला है.

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हालांकि, यह दिनाकरण की यह संपत्ति उन परिसंपत्तियों का हिस्सा है जो AIADMK की पूर्व महासचिव शशिकला के परिवार के पास है. टीटीवी दिनाकरण, शशिकला का भतीजा है.

चार साल की सजा काट रिहा हुई हैं शशिकला

12 फरवरी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल की सजा काटने के बाद शशिकला जेल से रिहा हुईं. इस केस में प्रवर्तन निदेशालय, इनकम टैक्स अथॉरिटी ने शशिकला, शशिकला की ननद जे इलावारसी और भतीजे वी एन सुधाकरण की कांचीपुरम में 200 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली. 2020 में ठीक इसी तरह की कार्रवाई में, राज्य की बेनामी निषेध शाखा ने पूरे तमिलनाडु में इन तीनों से जुड़ी 2 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की थी.

3 मार्च को जब शशिकला ने राजनीति और सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की, तो यह सवाल उठने लगे कि, क्या शशिकला के पास प्रॉपर्टी और पॉलिटिकल पॉवर दोनों में से किसी एक को चुनने का विकल्प था?

‘विवाद खत्म करने का बीजेपी का तरीका’

तमिलनाडु के कुछ राजनेताओं के अनुसार, शशिकला का यह फैसला बीजेपी की उस डील का नतीजा हो सकता है, जिसमें बीजेपी ने उन्हें AIADMK और AMMK के बीच किसी एक को चुनने का विकल्प दिया था.

बीजेपी का AIADMK के साथ गठबंधन है. शशिकला के राजनीति छोड़ने से पहले AIADMK गठबंधन को लगता था कि AMMK की वजह से जयललिता के समर्थकों के वोट बंट जाएंगे. क्योंकि शशिकला पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बेहद करीबी थीं, जिनकी मृत्यु 2016 में हो गई थी.

जयललिता की मौत के बाद जब शशिकला AIADMK की महासचिव बनी, तो उन्हें कुछ दिनों बाद पार्टी से निकाल दिया गया. इसके बाद 2017 में शशिकला ने दिनाकरण के साथ मिलकर AMMK का गठन किया, लेकिन इसके बाद ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें सजा हो गई.

तमिलनाडु के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि, बीजेपी शुरुआत से ही गठबंधन से जुड़ी बातों यह साफ करती आई कि वे शशिकला के साथ AIADMK को लेकर कोई लड़ाई नहीं चाहते हैं. बीजेपी नेतृत्व ने पार्टी से साफ कहा था कि इसे लेकर कुछ समझौता होना चाहिए.

तमिलनाडु के इस नेता ने कहा कि यह बीजेपी की रणनीति है कि जिन नेताओं पर आय से अधिक संपत्ति के केस चल रहे हैं उन्हें धमकाया जाए.

AIADMK के एक अन्य नेता ने कहा कि, इस बात की पूरी संभावना है कि बीजेपी ने शशिकला से संपत्ति और राजनीतिक ताकत दोनों में से किसी एक को चुनने को कहा होगा. ऐसे में पारिवारिक रूप से समृद्ध, जिस परिवार ने जयललिता के कार्यकाल में जमकर पैसा कमाया था, उसके लिए अपने पैसों की सुरक्षा प्राथमिकता होगी.

राजनीतिक जीवन से संन्यास की घोषणा के बाद, शशिकला ने बयान जारी करते हुए अपने समर्थकों से कहा कि वे आगामी 6 अप्रैल को होने वाले चुनाव में AIADMK को सपोर्ट करने की अपील की है.

सूत्रों का कहना है कि शशिकला अब राज्य की राजनीति से बाहर हो चुकी हैं और उनके परिवार को अपने बिजनेस के साथ छोड़ा जा सकता है. शशिकला के परिवार के पास राज्य में जमीन, मिल्स और टैक्सटाइल्स यूनिट हैं.

जबकि, मुख्यमंत्री पलानीस्वामी कई अवसरों पर मीडिया से यह कह चुके हैं कि AIADMK ने संपत्ति को लेकर शशिकला के परिवार को निशाना नहीं बनाया है.

‘पैसा मतलब राजनीतिक ताकत’

तमिलनाडु में कभी पार्टी के करीबी रहे एक नेता ने कहा कि, अगर शशिकला की संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है तो राजनीति में AMMK का कोई भविष्य नहीं होगा.

इस नेता ने कहा कि बिना पैसों के कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है, क्योंकि राज्य में पॉलिटिक्स एक महंगा सौदा है.

एक पूर्व सहयोगी ने कहा कि अब दिनाकरण को अपनी पारिवारिक संपत्ति पर ध्यान देना होगा. क्योंकि अब उनके पास AMMK और अपनी प्रॉपर्टी ही बची है. अगर वे AIADMK के साथ विलय कर लेते, तो उनके पास पैसे के साथ-साथ पॉलिटिकल पॉवर भी होता.

3 मार्च को दिनाकरण ने कहा कि वे AMMK बैनर तले चुनाव लड़ेंगे. अगर वे अपने क्षेत्र से चुनाव जीतते हैं तो AIADMK चाहे तो चुनाव के बाद गठबंधन को लेकर उनसे संपर्क कर सकती है.

इस स्थिति में शशिकला ने राजनीतिक जीवन से संन्यास लेकर, उनके परिवार की संपत्ति की सुरक्षा और उनके अस्थाई राजनीतिक भविष्य को बचाया है. शशिकला के जाने के बाद AIADMK के पास AMMK के साथ गठबंधन करने के बहुत कम कारण हैं.

(राज्य बीजेपी और राष्ट्रीय इकाई ने इस आलेख पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. यदि वे इस पर कोई टिप्पणी करते हैं, जो इसे जोड़ा जाएगा.)

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