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NSA अजीत डोभाल ने की CIA चीफ और रूसी समकक्ष से मुलाकात, अफगानिस्तान पर चर्चा

Discussion on Afghanistan: तालिबान सरकार के मद्देनजर CIA प्रमुख के साथ NSA डोभाल की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है

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भारत
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अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (Central Intelligence Agency-CIA) के निदेशक विलियम बर्न्स ने दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor-NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) से मुलाकात की, जिसमें अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की गई.

यह बैठक ऐसे दिन हुई है, जब तालिबान ने उन लोगों के नामों की घोषणा की, जो अफगानिस्तान सरकार में नए मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगे.

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मोहम्मद हसन अखुंद (Mohammad Hasan Akhund) नई 'एक्टिंग' तालिबान सरकार का नेतृत्व करेंगे. वहीं तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) उपनेता होंगे.

हक्कानी नेटवर्क के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी नए आंतरिक मंत्री होंगे, बता दें कि हक्कानी नेटवर्क का नाम अमेरिका की आतंकवादी संगठन की लिस्ट में शामिल है.

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विदेश मंत्री जयशंकर और PM मोदी से मुलाकात करेंगे रूसी NSA

इस बीच, बुधवार को NSA अजीत डोभाल ने अफगानिस्तान पर चर्चा के लिए अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव से राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात की.

रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव रहे पत्रुशेव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे.

बैठक से पहले, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा,

"यह बातचीत अफगानिस्तान में भारत और रूस के बीच राजनीतिक सुरक्षा सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि की इच्छा, महत्व और क्षमता को दर्शाता है."
सूत्रों के हवाले से कहा गया है, "आतंकवाद पर दोनों देशों की चिंताएं एक जैसी हैं, विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कि, तालिबान अपने वादों और आश्वासनों का पालन करें."
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BRICS और SCO बैठक में भी पुतिन से मिलेंगे पीएम मोदी

इसके अलावा, भारत और रूस अगले 10 दिनों में दो महत्वपूर्ण आभासी शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे - ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) - जहां अफगानिस्तान को लेकर बातचीत होने की उम्मीद है.

9 सितंबर को, पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसमें पुतिन के शामिल होने की उम्मीद है. इसके बाद 16-17 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन होगा, जब पीएम मोदी के एक बार फिर रूसी नेता से बात करने की उम्मीद है.

वहीं दूसरी ओर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दोनों शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है, क्योंकि उनका देश भी अफगानिस्तान में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है क्योंकि तालिबान की मदद करने में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका मानी जा रही है.

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