बीजेपी ने राजस्थान का सस्पेंस खत्म कर दिया है. वसुंधरा राजे का पत्ता कट गया है और भजनलाल शर्मा सूबे के अगले सीएम होने जा रहे हैं. वहीं दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवां को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा.
राजनीतिक जानकार दीया कुमारी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का रिप्लेसमेंट बताते रहे हैं. राजे की ही तरह दीया का शाही परिवार से नाता है. चलिए जानते हैं कि दीया कुमारी कौन हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज किया है.
दीया कुमारी की पर्सनल लाइफ को जानने से पहले विधानसभा चुनाव रिजल्ट जान लेते हैं. राजस्थान में बीजेपी ने 115 सीटें जीती हैं. पार्टी ने भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपतसिंह राजवी को जयपुर के विद्याधरनगर से टिकट न देकर दीया कुमारी पर भरोसा जताया था. दीया इस भरोसे पर खरी भी उतरी हैं. उन्होंने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71,368 वोटों से हराया है.
दीया कुमारी ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देते हुए कहा कि मोदी का जादू हर जगह चला.
उन्होंने कहा...
"इस जीत का श्रेय पीएम मोदी, अमित शाह जी, जेपी नड्डा जी, राज्य के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को जाता है. मोदी जी का जादू राजस्थान और एमपी और छत्तीसगढ़ में भी चला..."
महाराजा मानसिंह द्वितीय और गायत्री देवी की पोती हैं दीया
दीया कुमारी जयपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा मानसिंह द्वितीय और गायत्री देवी की पोती हैं. जानकार कहते हैं कि बीजेपी दीया कुमारी को वसुंधरा राजे के रिप्लेसमेंट के तौर देख रही है. सबसे दिलचस्प बात है कि दीया को राजनीति में राजे ही लेकर आईं थी. साल 2013 में जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान दीया कुमारी ने बीजेपी का दामन थामा था. इस दौरान मंच पर पीएम मोदी के साथ वसुंधरा राजे भी मौजूद रहीं.
अपने पहले ही चुनाव में दीया ने जीत के झंडे गाड़ दिए थे. इसी साल हुए चुनावों में उन्होंने सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ा और किरोड़ी लाल मीना को हराकर राजस्थान विधानसभा पहुंचीं.
5.51 लाख रिकॉर्ड वोट से जीता था लोकसभा चुनाव
2019 में उन्होंने राजसमंद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और 5.51 लाख वोटों के मार्जिन से रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. खास बात है कि इस चुनाव में वो जनता के बीच गई तो उन्होंने 'जयपुर की बेटी' और 'सड़कों पर चलने वाली राजकुमारी' के लिए वोट करने की अपील की.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उनकी शाही वंशावली और 'डाउन टू अर्थ' व्यवहार ने उन्हें राजस्थानियों के बीच एक लोकप्रिय नेता बना दिया है.
अगर उनके निजी जीवन की बात करें तो उनका जन्म 30 जनवरी 1971 को जयपुर में भवानी सिंह और पद्मिनी देवी के घर हुआ था. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दीया के पिता आर्मी ऑफिसर थे और दिल्ली में उनकी पोस्टिंग थी.
लंदन से किया पेंटिंग का डिप्लोमा
उन्होंने नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, मुंबई के जी.डी. सोमानी मेमोरियल स्कूल और अंततः जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की. इसके बाद वो पढ़ने के लिए लंदन चली गईं. लंदन के प्रतिष्ठित पार्सन्स आर्ट एंड डिजाइन स्कूल से उन्होंने फाइन आर्ट्स डेकोरेटिव पेंटिंग डिप्लोमा किया.
लव मैरिज से तलाक ने बटोरीं सुर्खियां
दीया कुमारी की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही. कहा जाता है कि उन्होंने राजसी परिवार के खिलाफ जाकर एक आम नागरिक से शादी की. इस शादी ने राजमहल से राजस्थान में सनसनी फैला दी थी.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, 6 अगस्त, 1997 को उन्होंने चार्टेड अकाउंटेंट नरेंद्र सिंह राजावत से शादी कर ली. नरेंद्र और दीया के दो बेटे और एक बेटी हैं. जिनका नाम पद्मनाभ सिंह, लक्षराज प्रकाश सिंह और गौरवी कुमारी हैं.
दीया की प्रेम कहानी के साथ ही तलाक भी सुर्खियों में छाई. शादी के 21 साल बाद वे पति से अलग हो गईं. 2018 में उन्होंने नरेंद्र राजावत से तलाक ले लिया.
ताजमहल को बताया था अपना महल
दीया ने ताजमहल को अपना महल बताया था. उन्होंने दावा किया था कि ताजमहल बीते वक्त में उनके परिवार का महल था, जिसे मुगलों ने छीन लिया था. दीया कुमारी ने यह भी कहा कि उनके पास ताजमहल के सारे दस्तावेज हैं.
राम के वंशज होने का भी किया दावा
दीया ने राम के वंशज होने का भी दावा किया था. उन्होंने कहा उनका परिवार भगवान राम के बेटे कुश का वंशज है. दीयाकुमारी ने हाल ही में कहा था, ‘हम भगवान राम के वंशज है. इसका आधार हमारे पास हस्तलिपि, वंशावली, दस्तावेज हमारे पोथी खाने में मौजूद है.’
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