शुक्रवार को डीएमके नेतृत्व से जुड़े अहम लोगों के ठिकानों पर तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के ठीक पहले, शुक्रवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की.
आयकर विभाग ने छापेमारी के संबंध में एक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें किसी तरह की नगदी की बरामदगी का जिक्र नहीं है. लेकिन आयकर विभाग का कहना है कि उन्हें छापों में कर चोरी के सबूत मिले हैं.
यह छापे चेन्नई में स्टालिन के दामाद सबरीसन के घर और उनसे जुड़े लोगों पर मारे गए थे. जिन समूहों पर छापा मारा गया, वे डिस्टीलरीज, शराब उत्पादन के कारखाने, रियल एस्टेट और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं.
इस बीच आयकर विभाग की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने कहा कि "मैंने आपातकाल और MISA भी देखा है, इन छापों से मैं घबराने वाला नहीं हूं. पीएम मोदी को समझना चाहिए कि हम एआईएडीएमके के नेता नहीं हैं, जो उनके सामने झुक जाएंगे."
आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए वक्तव्य में कहा गया कि जिन तीन समूहों पर छापेमारी की गई है, वह यह जांचने के लिए की गई थी कि क्या यह समूह राजनीतिक नगदी वितरण में शामिल रहे हैं या नहीं.
सबरीसरन के घर पर छापेमारी के बारे में बताते हुए डीएमके की सांसद आर एस भारती ने कहा कि वहां आयकर विभाग को सिर्फ 1.36 लाख रुपये ही हासिल हुए.
सबरीसन को स्टालिन का करीबी रणनीतिकार माना जाता है. उनका स्टालिन के परिवार में अच्छा प्रभाव होने की बात भी कही जाती है. इसके अलावा अन्ना नगर विधानसभा सीट से डीएमके के प्रत्याशी मोहन के बेटे कार्तिक के ठिकानों पर भी छापा मारा गया.
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