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क्या कोलकाता का घायल डॉक्टर वाकई अब सर्जरी नहीं कर पाएगा? ये है सच

NRS मेडिकल कॉलेज में 10 जून की रात एक मरीज की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने डॉक्टरों पर हमला बोल दिया था.

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कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज में 10 जून की रात एक मरीज की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने डॉक्टरों पर हमला बोल दिया था. जिसमें जूनियर डॉक्टर परिबाह मुखोपाध्याय के सिर पर गहरी चोट लगी थी. सोमवार को डॉक्टरों ने बताया कि परिबाह की सेहत में सुधार हो रहा है. परिबाह और दूसरे डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद से ही बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस बीच परिबाह के हेल्थ से जुड़े कई पोस्ट भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं.

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बता दें कि ईंट से हुए हमले में परिबाह के सर में गहरी चोट लगी थी. कोलकाता इंस्टीट्यूट पर न्यूरोसाइंस में परिबाह का इलाज चल रहा है. हॉस्पिटल ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. बुलेटिन के मुताबिक, परिबाह को बेचैनी जैसी समस्या दिख रही है. लेकिन सीटी स्कैन के बाद भी ब्रेन में दूसरी कोई दिक्कत नहीं दिख रही है.

हेल्थ से जुड़े पोस्ट सोशल मीडिया पर हो रहे हैं शेयर

सोशल मीडिया पर परिबाह से जुड़ी कई 'खबरें' शेयर की जा रही हैं. एक पोस्ट में तो ये दावा किया गया है कि जिस तरह की चोट परिबाह को लगी है उसके बाद से वो अपना सर्जिकल करियर आगे जारी नहीं रख पाएंगे. पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि चोट प्री-फ्रंटल कॉर्टेक्स पर लगी है. इस पोस्ट को अब तक 400 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है.

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Posted by Souparno Adhikary on Saturday, June 15, 2019

इस फेसबुक पोस्ट को एक बायोकेमिस्ट सुपर्णो अधिकारी ने लिया है. सुपर्णो कोलकाता के न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट में काम करते थे. द क्विंट ने सुपर्णों से बात की, उनका कहना है कि ये पोस्ट उन्होंने इस केस के बारे में जानकारी रखने वाले डॉक्टरों से बातचीत के आधार पर लिखी है. उन्होंने आगे कहा कि प्री-फ्रंटल कॉर्टेक्स मेमरी, मूड, इंटेलीजेंस, स्पीच के लिए रिस्पॉन्सिबल होता है.

सुपर्णों का कहना है कि उन्होंने न्यूरो साइकियाट्रिस्ट से भी बात की है, जो कहते हैं कि परिबा को शॉर्ट टर्म मेमरी लॉस, डिसिजन मेकिंग प्रॉब्लम जैसी दिक्कतों का इलाज कराना होगा.

परिबाह का इलाज कर रहे डॉक्टर आरपी सेनगुप्ता ने मुद्दे को साफ करते हुए कहा कि परिबाह कुछ महीनों में पोस्ट-सर्जिकल थेरेपी के साथ साइकिलिंग, स्विमिंग जैसे सभी नॉर्मल काम कर पाएंगे. सेनगुप्ता ने कहा, "इन कामों में रूकावट अब उनकी खुद की चिंता से आएगी, जिससे वो समय के साथ उबर पाएंगे. उन्हें पोस्ट-सर्जिकल केयर की जरूरत होगी और कुछ महीनों में वो अपनी सर्जिकल पढ़ाई के साथ-साथ नॉर्मल कामों पर लौट सकेंगे. उनके दिमाग को और कोई दिक्कत नहीं है और वो रिकवर कर रहे हैं."

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