मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बदले नेशनल मेडिकल कमीशन के गठन के विरोध में डॉक्टरों की 12 घंटे की देशव्यापी हड़ताल वापस ले ली गई है. मंगलवार को इससे संबंधित बिल को संसद की स्थायी समिति को सौंपे जाने के बाद ही डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी. इससे देश भर में मेडिकल सेवा फिर पटरी पर आ गई.
संसद की जिस स्थायी कमेटी को बिल भेजा गया है उसे बजट सेशन से पहले ही अपनी रिपोर्ट देनी है. शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा में रखे गए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल में एमसीआई को हटा कर नए संगठन की स्थापना का प्रावधान हैं. साथ ही यह होम्योपैथी, आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 'ब्रिज कोर्स' कर एलोपैथी प्रैक्टिस की इजाजत देगा.
आईएमए से बातचीत करेगी सरकार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के के के अग्रवाल ने हड़ताल खत्म करने की जानकारी देते हुए कहा, हम समर्थन के लिए लोकसभा सदस्यों का धन्यवाद देते हैं. आईएमए ने ही हड़ताल का नेतृत्व किया था. हड़ताल लगभग आठ घंटे चली. दरअसल इस नए बिल का विपक्षी सदस्य और डॉक्टर विरोध कर रहे थे. आईएमए का कहना है कि एनएमसी बिल से मेडिकल प्रोफेशनल्स का काम करना मुश्किल हो जाएगा. उन्हें हर बात में ब्यूरोक्रेसी और गैर मेडिकल प्रशासन को जवाब देना होगा. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि बिल को लेकर कुछ कन्फ्यूजन है और आईएमए से बात कर इसे दूर करने की कोशिश की जा रही है.
आईएमए के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डॉ. रवि वानखेड़कर ने कहा,
एनएमसी बिल आयुष डॉक्टरो को भी मॉर्डन मेडिसिन की प्रैक्टिस की इजाजत देगा. ब्रिज कोर्स उन्हें ऐसा करने की इजाजत देगा. लेकिन इससे झोला छाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिल सकता है.डॉ. रवि वानखेड़कर, आईएमए के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष
‘नए बिल से झोला छाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा’
डॉ. रवि वानखेड़कर ने कहा, ब्रिज कोर्स उन्हें ऐसा करने की इजाजत देगा. एनएमसी बिल के क्लॉज 49 में नेशनल मेडिकल कमीशन, सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी और सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन की साल में एक बार संयुक्त बैठक करने को कहा गया है.बिल में चार स्वायत्त बोर्डों के गठन की बात की गई है जिन पर अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स, मेडिकल संस्थानों के असेसमेंट और रेटिंग की जिम्मेदारी होगी. इसमें नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत मेडिकल प्रैक्टिशनर के रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था होगी.
कई अस्पतालों में रही हड़ताल
इससे पहले राजधानी दिल्ली में एनएमसी बिल के खिलाफ कुछ अस्पतालों में ओपीडी सर्विस खुली रही, जबकि कुछ अस्पतालों में बंद रही. अपोलो हॉस्पिटल, बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सर गंगाराम समेत एक दर्ज अस्पतालों में ओपीडी सर्विस 12 घंटे के लिए बंद रही. अन्य राज्यों में प्राइवेट अस्पतालों में भी ओपीडी सर्विस बंद रखी.
इनपुट : पीटीआई
यह भी पढ़ें : देश में डॉक्टर और अस्पताल की भारी कमी, कैसे होगा मरीजों का इलाज!
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)