शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले का राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहिए.
शिवसेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से हाथ मिलाने के बाद बीजेपी को कन्हैया कुमार की आलोचना करने का नैतिक अधिकार नहीं है.
शिवसेना बोली, ‘अच्छे वक्ता हैं कहैन्या’
शिवसना ने कन्हैया कुमार को अच्छा वक्ता भी बताया है. उसने कहा, ''कन्हैया कुमार अच्छे वक्ता हैं. वह परेशान और बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में वह अफजल गुरु की तारीफ करते हुए या कश्मीर की आजादी के नारे नहीं लगा सकते. वैसे भी, बीजेपी को कन्हैया कुमार की निंदा करने का क्या नैतिक अधिकार है.''
शिवसेना ने कटाक्ष करते हुए लिखा, ''महाराष्ट्र बीजेपी के मंत्री गिरीश महाजन ने हाल ही में दावा किया कि उन्हें जहां भी भेजा जाएगा, वह अपना 'जादू' दिखाएंगे और चुनाव में अपनी पार्टी की जीत तय करेंगे. हम बीजेपी से अनुरोध करते हैं कि वह जेएनयू में राष्ट्र विरोधियों को हराने के लिए उन्हें वहां भेजे, लेकिन उन्हें बता दे कि जेएनयू में चुनाव ईवीएम से नहीं होते हैं.''
पीडीपी के साथ गठबंधन की याद दिला शिवसेना ने बीजेपी को घेरा
शिवसेना के मुताबिक, बीजेपी ने पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर 'पाप' किया. उसने कहा कि महबूबा मुफ्ती संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को शहीद मानती हैं.
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, ''बीजेपी ने अफजल गुरु को फ्रीडम फाइटर और शहीद मानने वाली महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर सबसे बड़ा पाप किया. अब बीजेपी को अपने फायदे के लिए कन्हैया के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले से राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहिए.''
बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सरकार का हिस्सा थी लेकिन उसने पिछले साल खुद को गठबंधन से अलग कर लिया.
शिवसेना बोली, कन्हैया को मिलेगा अपना पक्ष रखने का मौका
शिवसेना ने कहा कि 2008 मुंबई आतंकवादी हमलों के दोषी अजमल कसाब जैसे आतंकवादी को भी कोर्ट ने अपना बचाव करने का मौका दिया था. उसने कहा कि कन्हैया को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. शिवसेना ने कहा कि अगर उनके खिलाफ लगे आरोप सही नहीं हैं, तो वो कोर्ट में टिक नहीं पाएंगे.
दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ सोमवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस के मुताबिक, फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में कहैन्या एक भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने 'देशद्रोही' नारों का समर्थन किया था.
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