भारत और चीन के रिश्तों में एक बार फिर तनाव आया है. चीन ने कई हफ्तों बाद एलएसी पर फिर से घुसपैठ की कोशिश की और इस बार पूरी तैयारी के साथ चीनी सेना आगे बढ़ रही थी. लेकिन समय रहते भारतीय जवानों ने तुरंत एक्शन लिया और चीनी सेना को अपनी सीमा में घुसने से पहले ही रोक लिया. इतना ही नहीं हमेशा की तरह इसे लेकर उल्टा चीन ने भारत पर ही आरोप लगा दिए. लेकिन इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री की तरफ से कहा गया कि चीन और भारत के रिश्तों में कोई एक समझौता जरूरी है.
भारतीय विदेश मंत्री ने एक बार फिर दोनों देशों के रिश्तों को जरूरी बताया और कहा कि,
“हम चीन के विकास को अच्छी तरह से जानते हैं. सीधे पड़ोसी होने के नाते इसका सीधा असर हम पर भी होता है. भारत ने भी इस दौरान काफी विकास किया है. अगर आप दो ऐसे देश हैं जहां अरबों लोग रहते हों, तो ये काफी जरूरी हो जाता है कि किसी तरह के समझौते या नतीजे पर पहुंचा जाए.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 60 के दशक में पाकिस्तान के साथ चीन का संबंध फिर से शुरू हो गया. जो हमारे लिए भी चिंता का विषय रहा है. ये कुछ ऐसा है जो दोनों देशों के साथ हमारे संबंधों में एक बड़ा फैक्टर होगा. एस जयशंकर ने ये सब बातें एक समिट के दौरान भाषण देते हुए कहीं.
चीन ने क्या कहा?
जहां भारत की तरफ से चीन से लगातार बातचीत से मुद्दों को सुलझाने की बात हो रही है और कई बैठकों का दौर चला, वहीं चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन ने फिर घुसपैठ की कोशिश कर साबित कर दिया कि उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और हर बाचतीच बेकार है. चीन की सेना की तरफ से इस घुसपैठ के बाद भारत पर ही आरोप लगाए गए. चीनी सेना ने कहा कि भारत सीमा पर अपने जवानों को पीछे नहीं हटा रहा है और सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए उसे पहले ऐसा करना ही होगा.
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