चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने मंगलवार, 14 नवंबर को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को भी ECI से कारण बताओ नोटिस मिला है.
अरविंद केजरीवाल को क्यों मिला नोटिस ?
यह मामला आप द्वारा पीएम मोदी पर किए गए ट्वीट से जुड़ा हुआ है.
10 नवंबर को बीजेपी द्वारा दायर एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, चुनाव आयोग ने कहा कि “प्रथम दृष्टया यह विचार है कि उपरोक्त शिकायत में उल्लिखित आम आदमी पार्टी के हैंडल से किए गए ट्वीट आदर्श आचार संहिता के चुनाव और दंडात्मक कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं.
चुनाव आयोग ने पार्टी संयोजक केजरीवाल से ''इनमें कथित सोशल मीडिया पोस्ट में दिए गए बयानों/आरोपों/कथनों को स्पष्ट करने के लिए गुरुवार शाम 7 बजे तक का समय दिया है.
पिछले हफ्ते दो पोस्ट में AAP ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार जनता के लिए नहीं, बल्कि अडानी के लिए काम करती है.
इलेक्शन कमीशन के नोटिस में कहा गया है कि, "पहले अपलोड और ट्वीट में एनीमेशन, कैरिकेचर और ड्राइंग और संशोधित सामग्री सहित इमेजरी शामिल है जिसमें प्रधान मंत्री को बिजनेसमैन श्री अडानी के साथ जोड़कर एक पोस्ट बनाई गई है कि प्रधान मंत्री श्री अडानी के सामने विनती कर रहे हैं या उनसे एहसान के लिए विनती कर रहे हैं या उन्हें रिपोर्ट कर रहे हैं.“
ईसीआई नोटिस में आम आदमी पार्टी की एक और पोस्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि दो पोस्टों ने प्रथम दृष्टया "निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना, जो की नेताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित नहीं है... ऐसे असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना" की वजह से आचार संहिता प्रावधान का उल्लंघन किया है.
नोटिस में आगे संकेत दिया गया है कि अगर निर्धारित समय के भीतर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो यह माना जाएगा कि AAP को इस मामले में कुछ भी नहीं कहना है, और चुनाव आयोग बिना किसी संदर्भ के उचित कार्रवाई या निर्णय लेगा.
प्रियंका गांधी को क्यों मिला नोटिस ?
भारतीय चुनाव आयोग ने 14 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में कथित तौर पर असत्यापित और गलत बयान देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग से संपर्क किया और शिकायत की कि मध्य प्रदेश के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के संबंध में असत्यापित और झूठे बयान दिए. जिसके बाद कांग्रेस नेता को चुनाव आयोग से नोटिस मिला. उनपर जनता को गुमराह करने और पीएम की छवि खराब करने का आरोप है.
बीजेपी द्वारा की गई एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी से से गुरुवार, 16 नवंबर तक बयान देने को कहते हुए कहा कि, "उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के साथ-साथ चुनाव और दंडात्मक कानूनों के प्रावधानों के लिए उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए."
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