मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रॉबर्ट वाड्रा से तीसरे दिन की पूछताछ खत्म हो गई है. पिछले तीन दिनों में लगभग 24 घंटे तक प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की है. इससे पहले बुधवार को लगभग 6 घंटे और गुरुवार को 10 घंटे तक हुई पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें फिर तलब किया था.
इससे पहले कहा गया था कि ईडी ने वाड्रा को 12 फरवरी को बुलाया है. शनिवार सुबह कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा से उनके घर जाकर मुलाकात की थी.
रॉबर्ट वाड्रा शनिवार को तीसरी बार ईडी के सामने पेश हुए. ईडी ने एक बार फिर लंदन की प्रॉपर्टी को लेकर उनसे पूछताछ की. इससे पहले हुई पूछताछ में वाड्रा ने ऐसी कोई भी प्रॉपर्टी अपने नाम होने से इनकार कर दिया था.
ईडी का आरोप, डिफेंस डील में वाड्रा का हाथ
ईडी का आरोप है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने लंदन में यह संपत्ति डिफेंस डील में रिश्वत के तौर पर करोड़ों रुपये लेने के बाद खरीदी. यह डिफेंस डील आर्म्स डीलर संजय भंडारी के जरिए हुई थी. इस डिफेंस डील में 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदे गए थे. यह डील कुल 2896 करोड़ की थी. यूपीए की सरकार के दौरान 2012 में यह डील हुई थी.
दो दिन चली लंबी पूछताछ के बाद ईडी अभी तक रॉबर्ट वाड्रा के जवाबों से संतुष्ट नहीं है. ईडी का कहना है कि वाड्रा जानबूझकर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसीलिए अब उन्हें शनिवार को भी ईडी दफ्तर पूछताछ के लिए आना होगा.
भारत छोड़कर भागा था बिचौलिया
इस डील में सबसे अहम रोल संजय भंडारी का बताया जा रहा है. 2016 में उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. जिसके बाद वह देश छोड़कर भाग गया था. उसके पास से डिफेंस डील को लेकर कुछ कागजात बरामद हुए थे, जिसके बाद केस दर्ज हुआ था. इसके बाद आर्म्स डील में करोड़ों की हेर-फेर के चलते भंडारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया.
भंडारी के घर पर भारतीय एजेंसियों की तरफ से 2016 में रेड डाली गईं थी. इसी दौरान रॉबर्ट वाड्रा और भंडारी के बीच ईमेल से बातचीत के सबूत मिले थे. इस मेल में रॉबर्ट वाड्रा भंडारी को उनकी ब्रिस्टन स्क्वॉयर में मौजूद संपत्ति की देखभाल करने को बोलते हैं. ईडी का कहना है कि यही सबूत है जो बताता है वह संपत्ति रॉबर्ट वाड्रा की है.
इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने 16 फरवरी तक उन्हें जमानत दे दी थी. वाड्रा के वकील ने कोर्ट को बताया था कि वो ईडी की जांच में सहयोग करेंगे
वाड्रा ने किया इनकार
जब एजेंसी इस संपत्ति के मालिक का पता लगाने के लिए इनवेस्टिगेशन कर रही थी, तो पता चला कि यह संपत्ति एक शेल कंपनी की है. वाड्रा ने पूछताछ के दौरान इस संपत्ति के बारे में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार कर दिया. वाड्रा ने भंडारी को किसी भी तरह के मेल करने से भी इनकार किया.
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