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एविएशन घोटाले में प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ करेगा ईडी, भेजा समन

ईडी ने पटेल को छह जून को पेश होने के लिए कहा है.

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयर इंडिया को लाभ देने वाले मार्गों की सीट साझेदारी से संबंधित एक मामले में एनसीपी नेता और पूर्व सिविल एविएशन मिनिस्टर प्रफुल्ल पटेल को समन भेजा है. ईडी ने पटेल को छह जून को पेश होने के लिए कहा है. इस मामले में कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार की भी कथित रूप से संलिप्तता रही है.

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल में जब एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय हुआ था, तब पटेल सिविल एविएशन मिनिस्टर थे. पटेल ने मामले में किसी भी गड़बड़ी से इंकार किया है.

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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि हाल ही में एविएशन घोटाले को लेकर जो चार्जशीट पेश हुई थी उसमें प्रफुल्ल पटेल का भी नाम था. चार्जशीट में कहा गया था कि प्रफुल्ल पटेल ने बिचौलिए दीपक तलवार को विशेष छूट दी हुई थी और दीपक तलवार प्रफुल्ल पटेल का करीबी दोस्त है. ये मामला एयर इंडिया के घाटे में जाने को लेकर है.

एयर इंडिया के लाभकारी मार्गों पर कुछ अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस के साथ अनियमित सीट साझेदारी में संदिग्ध भूमिका के कारण जनवरी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत प्रत्यर्पित किया गया तलवार फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

ईडी एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस के विलय, बोइंग से 111 विमानों और एयरबस को 70,000 करोड़ रुपये में खरीद, लाभकारी मार्गों को निजी एयरलाइंस को आवंटन और विदेशी निवेश के साथ प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की जांच कर रही है.

एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि तलवार के खाते में आया धन सरकारी कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर कैसे हो गया. इन कर्मचारियों में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल थे, जिन्होंने 2004 में अपने पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय विमानन सेवा के लिए 111 विमानों को खरीदने का फैसला कर लिया था.

प्रफुल्ल पटेल ने कहा- ईडी के साथ जांच में करूंगा सहयोग

समन मिलने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने पूछताछ में सहयोग करेंगे. पटेल ने कहा, ‘‘मुझे ईडी के साथ जांच में सहयोग करके खुशी होगी ताकि वे लोग विमानन इंडस्ट्री की जटिलताओं को समझ सकें.’’

पटेल फिलहाल राज्यसभा से सांसद हैं. 62 साल के पटेल महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया सीट से चार बार सासंद रह चुके हैं. साल 2004 में मनमोहन सरकार में वह सिविल एविएशन मिनिस्टर थे.

मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में हुए करोड़ों रुपये के कथित विमानन घोटाले के सिलसिले में किसी बड़े नेता के खिलाफ यह पहली कार्रवाई है.

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