एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 4 अक्टूबर को एक बयान जारी कर यूपी सरकार की कानूनी एजेंसियों के पत्रकारों के साथ किए गए व्यवहार की निंदा की है. हाथरस केस को कवर कर रहे पत्रकारों के साथ पुलिस की बदसलूकी की कई खबरें सामने आई हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कानूनी एजेंसियों ने जिस तरह मीडिया के लोगों को हाथरस में एक महिला पर हमले के बाद उसकी मौत और उसके बाद बिना घरवालों की मौजूदगी के जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की रिपोर्टिंग करने से रोका है, एडिटर्स गिल्ड उसकी निंदा करता है.एडिटर्स गिल्ड
एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकारों के फोन टैप किए जाने की भी निंदा की.
इससे भी बुरा कि पत्रकारों की बातचीत टैप की गई और उन्हें लीक किया गया, जिससे उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चला.एडिटर्स गिल्ड
बयान में कहा गया कि यूपी सरकार की ये हरकतें मीडिया के काम करने में बाधा हैं और सरकार से मांग की कि हाथरस में रिपोर्टिंग के पक्ष में माहौल बनाया जाए.
बयान में ये भी कहा गया, "हस्तक्षेप करने के मामले में हाथरस सबसे बुरा मामला है लेकिन गिल्ड ये भी मानता है कि मीडिया पर ऐसे हमले हाल के महीनों में ट्रेंड का हिस्सा बन गए हैं. कुछ और राज्य भी पत्रकारों के उत्पीड़न में शामिल रहे हैं."
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