एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भारतीय फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत पर शोक व्यक्त किया है. पुलित्जर प्राइज जीतने वाले दानिश सिद्दीकी की 16 जुलाई को अफगानिस्तान में हत्या हो गई, जब वो अफगान फोर्स और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर कर रहे थे. सिद्दीकी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के साथ काम कर रहे थे.
एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि सिद्दीकी की मौत पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है. गिल्ड ने कहा,
"पिछले एक दशक में, उन्होंने दक्षिण एशिया और आसपास के क्षेत्रों से संघर्ष और मानवीय संकट की कुछ सबसे दिल दहला देने वाली कहानियों को कवर किया था- रोहिंग्या शरणार्थी संकट, नेपाल भूकंप, इराक में युद्ध, श्रीलंका में ईस्टर विस्फोट, हॉन्गकॉन्ग में विरोध प्रदर्शन, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे, और सबसे हाल ही में, विनाशकारी महामारी की कवरेज. वो रोहिंग्या संकट को डॉक्यूमेंट करने के लिए 2018 में पुलित्जर प्राइज जीतने वाली रॉयटर्स टीम का हिस्सा थे."
एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि दानिश सिद्दीकी की मौत उन बड़े जोखिमों की याद दिलाती है, जो पत्रकार फ्रंटलाइन से रिपोर्ट करने के लिए लेते हैं.
एडिटर्स गिल्ड ने सिद्दीकी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर चल रहे हेटफुल कैंपेन की भी निंदा की. गिल्ड ने कहा कि सिद्दीकी की मौत उन्हें और उन सभी पत्रकारों को याद करने का मौका है, जो संघर्ष की रिपोर्टिंग के दौरान मारे गए हैं.
तालिबान ने किया इनकार
तालिबान ने दानिश सिद्दीकी की मौत के पीछे अपनी भूमिका से साफ इनकार किया है. साथ ही तालिबान ने मौत पर दुख भी जताया है. सिद्दीकी की हत्या में तालिबान का हाथ होने से इनकार करते हुए, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने CNN-News18 से कहा, “हमें नहीं पता कि किसके फायरिंग के दौरान पत्रकार की मौत हुई है. हम नहीं जानते कि उनकी मौत कैसे हुई."
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