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ब्रेग्जिट से निपटने के लिए तैयार है भारत: वित्त मंत्रालय

भारत के दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार में ब्रिटेन 12वें स्थान पर है. 

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ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) का सदस्य बने रहने या उससे बाहर निकलने (ब्रेग्जिट) से जुड़े किसी भी तरह की अस्थिरता से निपटने के लिए भारतीय वित्त मंत्रालय ने पूरी तरह से कमर कस ली है. वह घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है.

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीट कर कहा, “अगर ब्रिटेन ईयू से बाहर जाता है तो इसके लिए भारत तैयार है. ईयू में बने रहने या इससे बाहर निकलने के लिए आज जनमत संग्रह है. हम ब्रिटेन के घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं. भारत पूरी तरह से तैयार है.”

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उद्योग संघों ने कहा आपात योजना हो तैयार

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुताबिक भारत बाकी यूरोप की तुलना में ब्रिटेन में अधिक निवेश करता है. भारत ब्रिटेन का तीसरा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है. उद्योग संघों ने ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने की स्थिति में सरकार से आपात योजना तैयार रखने को कहा है.

वाणिज्य मंत्रालय आंकड़ों के मुताबिक, 2015-16 में ब्रिटेन के साथ भारत का व्यापार 14.02 अरब डॉलर रहा, जिसमें से 8.83 अरब डॉलर निर्यात और 5.19 अरब डॉलर आयात था.

उद्योग संगठन एसोचैम ने अपने बयान में कहा, “एक प्रमुख उभरते बाजार के रूप में भारत में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव हो सकता है और बड़े स्तर पर विदेशी निवेशक पूंजी निकाल सकते हैं.”

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के मुताबिक भी यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकल जाने पर भारतीय कारोबार में अनिश्चितता आएगी. इसके साथ ही निवेश और ब्रिटेन जाने वाले पेशेवरों के रुझान पर भी बुरा असर पड़ेगा.

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