भारतीय वायुसेना में अब 8 और AH-64E अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल हो चुके हैं. जिससे एयरफोर्स को नई ताकत मिली है. पठानकोट एयरबेस पर ये 8 अपाचे हेलिकॉप्टर इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बने. इस मौके पर एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ भी मौजूद रहे. अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक हैं जिसे अमेरिकी सेना उड़ाती है.
भारत ने अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी बोइंग के साथ 4168 करोड़ रुपये में कुल 22 हेलिकॉप्टर का सौदा किया था. जिसके बाद 27 जुलाई को इसकी पहली डिलीवरी हुई. 27 जुलाई 2019 को बोइंग ने पहले चार अपाचे हेलिकॉप्टर इंडियन एयरफोर्स को सौंपे थे.
दुश्मन के इलाके में घुसने की क्षमता
अपाचे हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल दुश्मन के इलाके में आसानी से घुसने में भी किया जाता है. अमेरिकी सेना अपने कई मिशनों में इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल कर चुकी है. अपाचे हेलिकॉप्टर दुश्मन की नाक के नीचे किसी भी मिशन को पूरा करने में सक्षम है. इसे छिपकर वार करने के लिए जाना जाता है.
ये है अपाचे की खासियत
- दुश्मन के इलाके में आसानी से घुसने की क्षमता
- जमीन के काफी करीब उड़ान भरने में कारगर
- हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलों और बंदूकों से लैस
- अपाचे हेलिकॉप्टर में सटीक निशाने के लिए हेलफायर मिसाइल लगी हैं
- दिन के अलावा रात में भी आसानी से कहीं भी जाने में सक्षम
- सिर्फ 1 मिनट में 128 टारगेट को बना सकता है निशाना
- किसी भी मौसम में उड़ान भरने और आसानी से टारगेट डिटेक्ट करने में सक्षम
- दुश्मन के रडार को आसानी से चकमा देने में माहिर
21000 फीट की ऊंचाई तक भर सकते हैं उड़ान
अपाचे हेलिकॉप्टर एयरफोर्स के साथ-साथ सेना के लिए भी काफी कारगर साबित हो सकता है. इनके जरिये जमीन पर आगे बढ़ रही सेना को दुश्मन के टैंकों और हेलिकॉप्टर के हमले से बचाया जा सकता है. अपाचे में दो क्रू मेंबर होते हैं और ये 284 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से उड़ सकता है. इसे 21000 फीट की ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है और ये एक बार ईंधन भरने के बाद 476 किमी तक जा सकता है. इसमें डबल इंजन लगे होते हैं, जिनकी वजह से इसकी रफ्तार और भी ज्यादा बढ़ जाती है.
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